संसद में विपक्ष ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा, कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कार्यस्थान प्रस्ताव का नोटिस दिया

रंजीत रंजन का कहना था कि बेरोजगारी की सबसे ज्यादा मार देश की महिलाओं को झेलना पड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 26 परसेंट महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट गिरकर 15 प्रतिशत तक आ गया है।

रंजीत रंजन संसद में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया।

नई दिल्ली : देश में बढ़ती बेरोजगारी की गूंज शुक्रवार को संसद में भी सुनाई दी। कांग्रेस की रज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने रूल 267 के तहत राज्यसभा में बेरोजगारी को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। हालांकि रंजन की नोटिस को सभापति के द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। लेकिन उनका आरोप था कि आज बेरोजगारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश की महिलाएं हैं। और बेरोजगारी का आंकड़ा पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा पहुंच चुका है।

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'1 साल में बेरोजगारी का आगरा 8.3% तक पहुंच चुका है'

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रंजीत रंजन ने अपने नोटिस में लिखा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है और आज देश में 60 परसेंट लोगों काम नही कर रहे हैं या फिर वह काम नहीं ढूंढ रहे हैं। यह स्थिति चिंताजनक है। आज देश में 20–24 साल के 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। उनका आरोप था पिछले 1 साल में बेरोजगारी का आगरा 8.3% तक पहुंच चुका है जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। ऐसे में अगर देश के सबसे ऊंचे सदन में बेरोजगारी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार चर्चा से भाग रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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