चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर रक्षा मंत्री के बयान को विपक्ष ने किया खारिज, कहा- सच छुपाने के लिए चर्चा से भाग रही है मोदी सरकार
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी घुसपैठ का मुद्दा संसद में छाया रहा। विपक्ष ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को आधा अधूरा बताते हुए संसद के दोनों सदनों से वॉक आउट किया। गृह मंत्री अमित शाह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मदद मिलने का आरोप लगाया। इस पर विपक्षी सांसदों ने कहा कि कि पहले बीजेपी को यह बताना चाहिए कि उनसे जुड़े हुए संगठनों को चीन से कितनी मदद मिल रही है या अतीत में मिली है?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी घुसपैठ का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में हावी रहा। संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए जमकर हंगामा किया। हालांकि सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए स्टेटमेंट जारी किया। लेकिन विपक्षी पार्टियां इस बात से नाराज थी कि करीब एक दर्जन सांसदों द्वारा कार्य स्थगन का प्रस्ताव दिए जाने के बावजूद उन्हें बोलने का और चर्चा में शामिल होने का मौका नहीं मिला।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को आधा अधूरा बताते हुए संसद के दोनों सदनों से विपक्ष ने वॉक आउट किया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार सच को छुपा रही है। इसलिए सदन में चर्चा से भाग रही है। संसद परिसर में ही वकआउट के बाद आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा कि जब 1962 की लड़ाई हुई थी उस वक्त भी संसद की कार्यवाही चल रही थी लेकिन आज की सरकार सदन में चर्चा नहीं होने दे रही है और तानाशाही रवैया अख्तियार किए हुए हैं।
वहीं कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन और शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना था कि सरकार मुद्दे से भटकाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल सेना के शौर्य पर फक्र है। लेकिन चीन के बढ़ते अतिक्रमण पर विपक्ष की आवाज दबाना कहां तक सही है। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिली मदद पर इन सांसदों का कहना था कि पहले बीजेपी को यह बताना चाहिए कि उनसे जुड़े हुए संगठनों को चीन से कितनी मदद मिल रही है या अतीत में मिली है?
दर्शन आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन की तरफ से मोटी रकम मिली थी। इसके बाद पूरी बहस ही बदल गया। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में आज पूरा विपक्ष लोकसभा और राज्यसभा में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर हमलावर रहा। विपक्षी सांसदों की यह मांग है कि प्रधानमंत्री जिन्होंने कभी यह कहा था कि चीनी सेना ने कोई भी घुसपैठ नहीं किया है और 1 इंच जमीन पर भी चीनी सेना का कब्जा नहीं है, उन्हे सदन में आकर अपना बयान देना चाहिए।
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और विपक्ष को चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर एक नया हथियार मिल गया है। विपक्ष का आरोप है यह घटना 9 दिसंबर की है और सरकार की तरफ से जब तक एक अखबार के माध्यम से यह खबर सार्वजनिक नहीं हुई तब तक छुपाने का प्रयास किया गया। विपक्ष अब इस मुद्दे के छोड़ने वाला नहीं है। और आने वाले दिनों में संसद के भीतर यह मुद्दा आगे भी गर्माता रहेगा।
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13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियास...और देखें
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