Opposition Unity: आखिर क्यों ममता बनर्जी पर भरोसा नहीं कर पा रही कांग्रेस? ये रहा सबूत

Opposition Unity: कांग्रेस के पास पश्चिम बंगाल में सिर्फ एक विधायक था। पार्टी बंगाल में उतनी मजबूत भी नहीं है। बंगाल में टीएमसी बनाम बीजेपी की सीधी लड़ाई है। इसके बाद भी ममता बनर्जी की पार्टी ने कांग्रेस के एकलौते विधायक बायरन बिस्वास (Bayron Biswas) को तोड़ लिया।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ ममता बनर्जी

Opposition Unity: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस समेत कई पार्टियां विपक्षी एकता के लिए प्रयासरत है। विपक्ष पार्टियों की कोशिश है कि वो एक होकर 2024 में पीएम मोदी को चुनौती दें, लेकिन इसमें कई पेंच हैं। कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन हो नहीं सकता और कांग्रेस को कुछ पार्टियों पर गठबंधन को लेकर भरोसा नहीं है। इसके प्रमाण भी समय-समय पर सामने आते रहे हैं। जैसे केजरीवाल को लेकर कांग्रेस साफ कर चुकी है कि उसे आप पर भरोसा नहीं है। लगभग यही कहानी ममता बनर्जी और केसीआर के साथ भी है। तीनों पार्टियां अतीत में कांग्रेस के बिना गठबंधन के पक्ष में भी दिखी है। हालांकि कर्नाटक चुनाव और दिल्ली अध्यादेश विवाद के बाद क्रमश: ममता बनर्जी और केजरीवाल कांग्रेस के पक्ष में जाते दिखे थे, लेकिन अब ममता बनर्जी के एक कदम से शायद फिर से कांग्रेस सोचने पर मजबूर हो जाएगी।

ममता पर क्यों नहीं है कांग्रेस को भरोसा?

याद करिए कांग्रेस ने कर्नाटक में जीत हासिल की थी। उसके बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस की तारीफ की थी। गठबंधन की बात कही थी। कहा था कि कांग्रेस जहां मजबूत होगी वो वहां उसे सपोर्ट करेगी। कांग्रेस की ओर से भी इसे लेकर सकारात्मक संकेत मिले, लेकिन सोमवार को ममता बनर्जी ने एक बार फिर से कांग्रेस को धोखा दे दिया है।

ये रहा सबूत

दरअसल कांग्रेस के पास पश्चिम बंगाल में सिर्फ एक विधायक था। पार्टी बंगाल में उतनी मजबूत भी नहीं है। बंगाल में टीएमसी बनाम बीजेपी की सीधी लड़ाई है। इसके बाद भी ममता बनर्जी की पार्टी ने कांग्रेस के एकलौते विधायक बायरन बिस्वास (Bayron Biswas) को तोड़ लिया और टीएमसी में शामिल कर लिया। टीएमसी के इस कदम से कांग्रेस का भरोसा जरूर डगमगाएगा। अब 2024 में विपक्षी एकता की तस्वीर बदल भी सकती है।
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