Opposition Unity: नीतीश कुमार PM उम्मीदवार होंगे या नहीं, विपक्षी दलों की बैठक से पहले जदयू अध्यक्ष ने कर दिया खुलासा
Opposition Unity: लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक हो रही है। इससे ठीक पहले जदयू अध्यक्ष ललन सिंह स्पष्ट कर दिया कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं या नहीं।
Opposition Unity: लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से उखड़ फेंकने के लिए पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक हो रही है। इससे कुछ दिन पहले 11 जून रविवार को जनता दल यूनाइडेट (जदयू) अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने पटना में स्पष्ट करते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी देश के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। नीतीश कुमार जी भाजपा मुक्त देश के निर्माण के लिए आगे बढ़े हैं और विपक्षी एकता एक करने में लगे हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोग इस तरह नारे लगाते हैं उससे विपक्षी एकता में रुकावट पैदा होती है। ऐसा कभी मत करिएगा। हम पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह करेंगे। पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं से आग्रह करेंगे। चुनाव होने के बाद जब देश भाजपा मुक्त हो जाएगा। जिस तरह 23 जून को पटना में बैठकर सभी पार्टियों के नेता आगे की रणनीति तय करेंगे। उसी तरह चुनाव के बाद सभी पार्टियां बैठकर तय करेंगी कि देश मुखिया कौन होगा। जो भी होगा इस देश में लोकतंत्र को स्थापित करेगा। यही संकल्प है हम सबों के नेता का।
प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करना कोई मुद्दा नहीं- शरद पवार
इससे एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि विपक्षी पार्टियां अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का विकल्प मुहैया कराने को इच्छुक हैं और प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करना कोई मुद्दा नहीं है।उन्हों ने कहा कि वह 23 जून को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल होंगे और बीजेपी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई लड़ने का प्रयास करेंगे।
पवार 1977 की बात दोहराई, मोरारजी देसाई कैसे बने प्रधानमंत्री?
पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का चेहरा हमारे सामने कोई मुद्दा नहीं है। यहां तक कि 1977 में भी किसी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश नहीं किया गया था। जनता पार्टी चुनाव जीती और मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने कहा कि अगर यह 1977 में हो सकता था, तो अब क्यों नहीं हो सकता? हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस देश के लोगों को भाजपा का विकल्प मुहैया कराएं।
लोगों के सामने विकल्प पेश करने की जरूरत
पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के सामने विकल्प पेश करने की जरूरत है। यदि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो हम विकल्प देने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार को खड़ा करने का सुझाव दिया गया है और इस मुद्दे पर 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि पटना में होने वाली बैठक एक नई दिशा तय करेगी क्योंकि लोग बदलाव चाहते हैं। हम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे।
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