देश में चुनाव हो बंद, कोई हिटलर करे शासन- ओरेवा समूह के MD के ऐसे हैं विचार, इन्हीं की कंपनी के पास था मोरबी पुल का ठेका
मोरबी पुल हादसे के लिए ओरेवा कंपनी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, हालांकि कंपनी ने इससे इनकार किया है। कंपनी के गिरफ्तार मैनेजर ने कहा है कि ये 'एक्ट ऑफ गॉड' था। कंपनी ने अपना काम बखुबी किया था। ओरेवा कंपनी के पास ही इस ब्रिज के रिपेयरिंग का काम था।
मोरबी पुल का ठेका ओरेवा ग्रुप के पास था (फोटो- एपी)
मोरबी हादसे के बाद इसे मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा सवालों के घेरे में है। कंपनी पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं। इसी बीच कंपनी के एमडी जयसुख पटेल का एक बयान काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वो वर्तमान कायदे कानून के खिलाफ बोलते दिख रहे हैं।
दरअसल जयसुख पटेल ने एक किताब लिखी है, जो भारत की समस्या और समाधान पर आधारित है। इसी में वो हिटलर को सपोर्ट करते दिख रहे हैं। उन्होंने इस किताब में लिखा है कि देश में चीन की तरह चुनाव को बंद कर देना चाहिए और किसी हिटलर को शासन करना चाहिए। चीन में चुनाव न होने की वजह से काफी पैसा बचता है और लोग खुद बखुद अनुशासन में रहते हैं। भारत में भी ऐसा ही होना चाहिए।
इस किताब में जयसुख पटेल ने देश की हर समस्या का समाधान का दावा किया है। उन्हें न तो वर्तमान भूमि अधिग्रहण कानून पसंद है और न ही आरक्षण व्यवस्था। वो कहते हैं कि गुलामी हमारे डीएनए में है। सिर्फ तानाशाही ही भ्रष्टाचार से हमें छुटकारा दिला सकती है।
बता दें कि मोरबी पुल हादसे के बाद से यह कंपनी लोगों के निशाने पर है। कंपनी के मालिक को लोग जमकर खरी-खोटी सुना रहा हैं। दरअसल कहानी कुछ ऐसी है कि इसी कंपनी के पास इस पुल को रिपेयर करने का ठेका था। इसी कंपनी के पास इसका संचालन का भी ठेका था। यह कंपनी मुख्य रूप से घड़ी बनाने का काम करती है। सवाल ये है कि एक घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल का ठेका कैसे मिल गया। दावा है कि बिना अनुमति के ही कंपनी ने इस पुल को लोगों के लिए खोल दिया था, जिसकी वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 134 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही सैकड़ों घायल लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
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