Waqf Board Bill: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर JPC के लिए नाम हुए तय, समिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष से कौन-कौन, रिजिजू ने बताया

JPC On Waqf Board Bill: केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि इस समिति (Waqf Board JPC Members List) में सरकार और विपक्ष के 21 सांसद शामिल हैं। इसमें राज्यसभा के 10 सदस्यों को भी शामिल किया गया है। समिति में तेजस्वी सूर्या, असदुद्दीन ओवैसी, तरूण गोगोई, कल्याण बनर्जी हैं।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू।

मुख्य बातें
  • आठ अगस्त को लोकसभा में पेश हुआ वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024
  • कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के सभी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया
  • रिजिजू ने कहा कि मुस्लिम संगठनों से बातचीत के बाद लाया गया यह बिल
Waqf Board Bill JPC: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल 2024 पर संयुक्त जांच समिति (JPC) गठित करने के लिए शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने इस प्रस्ताव में जेपीसी में लोकसभा से शामिल होने वाले सदस्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने निम्न सदन में बताया कि समिति (Waqf Board JPC Members List) में लोकसभा से सरकार और विपक्ष के 21 सांसद शामिल होंगे। इसमें राज्यसभा के 10 सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने राज्यसभा से 10 सदस्यों का नाम देने का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री के इस प्रस्ताव को सदन ने पारित कर दिया।

लोकसभा से समिति में शमिल होंगे ये 21 सांसद

  1. जगदंबिका पाल
  2. निशिकांत दुबे
  3. तेजस्वी सूर्या
  4. अपराजिता सारंगी
  5. संजय जायसवाल
  6. दिलीप सैकिया
  7. अभिजीत गंगोपाध्याय
  8. डीके अरुणा
  9. गौरव गोगोई
  10. इमरान मसूद
  11. मो. जावेद
  12. मौलाना महिबुल्लाह
  13. कल्याण बनर्जी
  14. ए राजा
  15. श्री कृष्ण देवरायलु
  16. दिलैश्वर कामत
  17. अरविंद सावंत
  18. सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे
  19. नरेश गणपति मास्के
  20. अरुण भारतीय
  21. असदुद्दीन ओवैसी
केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक-2024 पेश किया। इस विधेयक का विरोध कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के सभी दलों ने किया। कांग्रेस ने कहा कि यह संशोधन विधेयक संविधान और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक हुई जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने का फैसला हुआ।विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है।
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