Padma Award 2025: ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण; देखिये पद्म पुरस्कारों की पूरी सूची

Padma Award 2025: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार 2025 के विजेताओं का ऐलान कर दिया है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं। गोवा के 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई और पश्चिम बंगाल के ढाक उन 30 गुमनाम नायकों में शामिल हैं जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

Padma Award 2025.

पद्म पुरस्कार 2025

Padma Awards 2025: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की। सरकार ने 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्म श्री से सम्मानित किया है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं जिनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री शामिल है।

पद्म विभूषण सम्मान

क्रमांकहस्तियों के नामक्षेत्र
1दुव्वुर नागेश्वर रेड्डीमेडिसिन
2कुमुदिनी रजनीकांत लाखियाकला
3न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर सार्वजनिक मामले
4सुजुकी के पूर्व प्रमुख ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत )व्यापार और उद्योग
5लोक गायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत)कला
6मलयालम भाषा के प्रख्यात साहित्यकार एमटी वासुदेवन नायर (मरणोपरांत)साहित्य और शिक्षा
7लक्ष्मीनारायण सुब्रह्मण्यमकला

पद्म भूषण सम्मान

क्रमांकहस्तियों के नामक्षेत्र
1प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाशसाहित्य और शिक्षा
2अनंत नागकला
3अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत)साहित्य और शिक्षा
4जतिन गोस्वामीकला
5जोस चाको पेरियापुरममेडिसिन
6कैलाश नाथ दीक्षितपुरातत्व
7महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी (मरणोपरांत)सार्वजनिक मामले
8नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टीव्यापार और उद्योग
9नंदमुरी बालकृष्णकला
10पीआर श्रीजेशखेल
11पंकज पटेलव्यापार और उद्योग
12गजल गायक पंकज उधास (मरणोपरांत)कला
13रामबहादुर रायसाहित्य और शिक्षा
14साध्वी ऋतंभरासामाजिक कार्य
15एस अजित कुमारकला
16शेखर कपूरकला
17शोभना चंद्रकुमारकला
18बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (मरणोपरांत)सार्वजनिक मामले
19विनोद धामविज्ञान एवं इंजीनियरिंग
113 नायकों को पद्म श्री सम्मान

गोवा के 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई और पश्चिम बंगाल के ढाक उन 113 नायकों में शामिल हैं जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई ने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए एक भूमिगत रेडियो स्टेशन 'Voz da Liberdabe' (वाइस ऑफ फ्रीडम) की सह-स्थापना की थी।

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पद्म पुरस्कारों का ऐलान

  • पद्मश्री से सम्मानित किये जाने वालों की सूची में गोवा के 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई और पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास का नाम भी शामिल है।
  • कुवैत की योग साधिका शेखा ए जे अल सबा और उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपति ह्यूग और कोलीन गैंटजर को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
  • एल. हैंगथिंग को पद्म श्री से सम्मानित किया जा रहा है। वे नोकलाक, नागालैंड के एक फल किसान हैं, जिन्हें गैर-देशी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
  • मध्य प्रदेश की सामाजिक उद्यमी सैली होलकर, मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली को पद्मश्री देने की घोषणा।
  • गर्भाशय कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने वाली दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को पद्म श्री से सम्मानित किया जा रहा है।
  • भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था 'नई आशा' के माध्यम से समाज के सबसे हाशिए पर पड़े समूह मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए अथक काम करने के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया जा रहा है।
  • पी. दत्चनमूर्ति को पद्म श्री से सम्मानित किया जा रहा है। वे दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण शास्त्रीय ताल वाद्य यंत्र थविल में विशेषज्ञता रखने वाले वाद्य वादक हैं, जिनके पास 5 दशकों से अधिक का अनुभव है।

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कौन हैं गोकुल चंद्र डे?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की। पुरस्कार पाने वालों में पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे भी शामिल हैं जिन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा। डे ने ढाक प्रकार का एक हल्का वाद्ययंत्र भी बनाया, जो वजन में पारंपरिक वाद्ययंत्र से 1.5 किलोग्राम कम था। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और पंडित रविशंकर तथा उस्ताद जाकिर हुसैन जैसी हस्तियों के साथ कार्यक्रम किए।

पद्मश्री सम्मान की सूची में शामिल महिला सशक्तीकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने लुप्त हो रही माहेश्वरी शिल्प कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पारंपरिक बुनाई तकनीकों में प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा स्कूल की स्थापना की।रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित और अमेरिका में जन्मीं सैली होलकर ने बुनाई की 300 साल पुरानी विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक समर्पित कर दिए।

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अनुराग गुप्ता author

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