'FATF से पाक का बाहर होना चिंता की वजह, आतंकी हमलों में इजाफे का अंदेशा'

पाकिस्तान अब एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर है और इसे भारतीय खुफिया एजेंसियों के चिंता का विषय बताया है। एजेंसियों के मुताबिक ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के होने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ था कि आतंकी गतविधियों में 75 फीसद तक की कमी आई थी।

ग्रे लिस्ट से पाक बाहर, आतंकी हमलों में हो सकता है इजाफा

फाइनेंसियल एक्शन टॉस्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान बाहर हो चुका है। एफएटीए के इस फैसले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय संगठनों और देशों से कर्ज मिलने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन भारत ने चिंता जताई है। भारत का कहना है कि ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के होने से एक फायदा हुआ कि पिछले चार वर्षों में आतंकी घटनाओं में कमी आई। पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में होने का एक फायदा हुआ कि आतंकी समूहों की फंडिंग पर भी रोक लगी। लेकिन खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ग्रे लिस्ट से हटने के बाद पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल आतंकी समूह धड़ल्ले से कर सकते हैं।

पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में होने से भारत को फायदा

भारतीय खुफिया अधिकारियों ने शुक्रवार को यूएन काउंटर-टेररिज्म कमेटी (सीटीसी) को बताया कि 2018 में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के शामिल होने से भारत में कठिन लक्ष्यो पर हमले कम हो गए और परिणामस्वरूप 75% पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादी ठिकानों में गिरावट आई।अधिकारियों ने 2008 के मुंबई हमलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की भूमिका को सीटीसी के सामने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष संचालक साजिद मीर की एक ऑडियो क्लिप चलाकर उजागर किया, जिसमें उन्हें हमलावरों को निर्देश देते हुए सुना जा सकता है। चबाड हाउस, एक यहूदी आउटरीच केंद्र जहां कई इजरायली नागरिक मारे गए थे।
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