पाकिस्तान को पीएम मोदी ने बताया विश्वासघाती; पॉडकास्ट में पड़ोसी मुल्क के बारे में खुलकर की बात
पीएम मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को जमकर खरी खोटी सुनाई है। उन्होंने बातचीत के दौरान ये कहा कि पाकिस्तान ने शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से दिया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा।

पीएम मोदी ने कहा- पाकिस्तान ने शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से दिया।
PM Modi on Pakistan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता और विश्वासघात से दिया और उम्मीद जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा। लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी वही सिखाता है।
उन्होंने कहा, 'मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला। हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा।'
'पाकिस्तान ने शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता से दिया'
मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे, जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का उनका पहला प्रयास सद्भावना का संकेत था।
उन्होंने कहा, 'यह कूटनीतिक कदम था, जो दशकों में नहीं देखा गया। जिन लोगों ने कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया था, वे उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि मैंने दक्षेस देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में उस ऐतिहासिक भाव को खूबसूरती से कैद किया है।'
कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है भारत की विदेश नीति?
मोदी ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा, 'इसने दुनिया को शांति और सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजा, लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिले।' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जब भी शांति की बात करता है] तो आज दुनिया उसकी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है।
पीएम मोदी को आरएसएस ने क्या कुछ सिखाया? खुद बताया
उन्होंने कहा कि उनकी ताकत उनके नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और देश की शाश्वत संस्कृति एवं विरासत के समर्थन में निहित है। आरएसएस के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्होंने ऐसे सम्मानित संगठन से जीवन के सार और मूल्यों को सीखा। उन्होंने कहा, 'मुझे जीवन का उद्देश्य मिला।' उन्होंने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था।
उन्होंने कहा, 'मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना। यही मुझे संघ (आरएसएस) ने सिखाया है। आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है।'
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

Uttarakhand News: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से दिया इस्तीफा

ट्रंप में हिम्मत है... पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में अमेरिका-चीन को लेकर क्या कुछ कहा? जानें खास बातें

BJP Jiladhyaksh List: बीजेपी 'जिलाध्यक्ष' और 'महानगर अध्यक्ष' के नामों की घोषणा, आ गई लिस्ट, देखें किस जिले में किसे मिले जिम्मेदारी

'जो करेगा जात-पात की बात, उसे मार दी जाएगी लात'; नितिन गडकरी को मिला कांग्रेस और उद्धव की शिवसेना का साथ

काउंटर-टेररिज्म पर अंतरराष्ट्रीय मंथन, पहली बार सह-अध्यक्षता करेगा भारत
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited