जिन्ना मेरे पिता से मिलने आए थे, पर हमने हाथ मिलाने से कर दिया था इन्कार- बोले फारूख अब्दुल्ला
Farooq Abdullah on Pakistan and Muhammad Ali Jinnah: ये बातें उन्होंने शनिवार (19 नवंबर, 2022) वहां के अखनूर में एक जन सभा के दौरान कहीं। वह आगे बोले- कोई भी धर्म खराब नहीं है। ये तो इंसान ही हैं, जो भ्रष्ट हैं। न कि धर्म...वे चुनाव के दौरान "हिंदू खतरे में हैं" का नारा दे देते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं। पर मेरी आपसे गुजारिश है कि आप इस चक्कर में न उलझें।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला।
ये बातें उन्होंने शनिवार (19 नवंबर, 2022) वहां के अखनूर में एक जन सभा के दौरान कहीं। वह आगे बोले- कोई भी धर्म खराब नहीं है। ये तो इंसान ही हैं, जो भ्रष्ट हैं। न कि धर्म...वे चुनाव के दौरान "हिंदू खतरे में हैं" का नारा दे देते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं। पर मेरी आपसे गुजारिश है कि आप इस चक्कर में न उलझें।
बकौल अब्दुल्ला, "हमसे वादा किया था कि यहां पर 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा...उसका क्या हुआ? हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और बच्चे बेरोजगार हैं। यह एक राज्यपाल की ओर से नहीं किया जा सकता है। चुनाव जरूरी हैं।"
वैसे, एक रोज पहले शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर के सीनियर नेता ने नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष पद से हटने का ऐलान किया था। कहा कि अब नयी पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है। अब्दुल्ला ने ‘पीटीआई’ से कहा था, ‘‘मैं अब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा। पद के लिए चुनाव पांच दिसंबर को होगा। अब समय आ गया है कि नई पीढ़ी इस जिम्मेदारी को संभाले।’’
व्यापक स्तर पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि 85 वर्षीय अब्दुल्ला पार्टी संरक्षक की भूमिका निभाएंगे, जबकि और उनके बेटे एवं नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला अब इसके नए प्रमुख बन सकते हैं। फारूक अब्दुल्ला पहली बार 1983 में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष बने थे।
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