पापा बस एक बार आ जाओ- शहीद कर्नल के नंबर पर बेटे ने मां से छुपकर भेजा मैसेज, आज भी पिता की मौत से अनजान है मासूम

Colonel Manpreet Singh: यह कहानी भारतीय सेना के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के बेटे की है। कर्नल मनप्रीत सिंह अपनी वीरता के लिए जाने जाते हैं। कर्नल मनप्रीत सिंह, राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) 19 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कश्मीर में तैनात थे।

कर्नल मनप्रीत सिंह और उनके दोनों बच्चे

Colonel Manpreet Singh: आज फादर्स डे है, एक पिता की किसी भी बच्चे के जीवन में क्या अहमियत होती है, इसे हर कोई जानता है, लेकिन जो बच्चे अपनी अबोधावस्था में ही पिता के साये से दूर हो जाते हैं, जिन्हें पिता के गुजर जाने का आभास भी नहीं हो पाता है, वो हर दिन अपने पिता का इंतजार ऐसे करते हैं, जैसे वो उनके पुकारने पर चले आएंगे, वो अपने पिता को पुकारते हैं, जोर से पुकारते हैं और फिर थक कर बैठ जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी एक शहीद कर्नल के बेटे की है। जिसके पिता पिछले साल आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए, लेकिन बच्चा आजतक इससे अनजान है, अपने पिता को छुपकर ऑडियो मैसेज भेजता है, घर आने की गुहार लगाता है और फिर थककर सो जाता है...।

कर्नल मनप्रीत सिंह के बेटे की है ये कहानी

यह कहानी भारतीय सेना के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के बेटे की है। कर्नल मनप्रीत सिंह अपनी वीरता के लिए जाने जाते हैं। कर्नल मनप्रीत सिंह, राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) 19 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कश्मीर में तैनात थे। 13 सितंबर 2023 को जब कर्नल मनप्रीत सिंह दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग के गडोल जंगल में छिपे पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, तब वो शहीद हो गए थे।इस ऑपरेशन के दौरान जब मनप्रीत सिंह और अन्य अधिकारी आतंकियों को घेरते हुए उनके करीब पहुंचे, तो आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें वह और उनके दो और साथी गोली लगने से घायल हो गए। तीनों को हवाई मार्ग से श्रीनगर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका। वो शहीद हो गए।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें

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