Paper Leak: तो कुछ यूँ हुआ पेपर लीक!,रांची के बैंक से हजारीबाग के बैंक के बीच की पूरी कहानी -Video
Paper Leak Updated News: पेपर लीक मामले को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, इसे लेकर झारखंड से ये खबर सामने आई है।
Paper Leak Update: बैंक से लेकर स्कूल तक क्वेश्चन पेपर बंद गाड़ी में लाया गया, सिटी को ऑर्डिनेटर की निगरानी में ऑब्जर्वर के साथ तो ये तय की स्कूल से पेपर लीक नहीं हुआ EOU की जांच में भी अभी तक यही आया है, तो सवाल ये है कि पेपर फिर कहाँ से लीक हुआ, तो आपको बताते हैं कुछ यूं हुआ होगा पेपर लीक।
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3 मई को यानी की नीट परीक्षा के दो दिन पहले राँची से एक वैन निकलती है हजारीबाग़ के लिए नेटवर्क की ये गाड़ी होती है, इसके अंदर GPS नहीं होता है और इसी के अंदर होता है नीट परीक्षा का क्वेश्चन पेपर, वैन कहाँ कहाँ रुकी ये किसी को नहीं पता, तय मनकों के खिलाफ बिना किसी सुरक्षा के बिना किसी ऑब्ज़र्वर के परीक्षा पत्र राँची से हजारीबाग पहुँचा, हज़ारीबाग़ में इस वैन को SBI के हजारीबाग ब्रांच में रुकना था लेकिन इस बार वो ब्लू डार्ट कंपनी के नूतन नगर के ब्रांच में रुका, आश्चर्य की बात ये है कि ब्लू डार्ट से बैंक की दूरी मात्र डेढ़ किलोमीटर है।
'ड्राइवर ने बैंक तक जाने से मना कर दिया था'
ट्रांसपोर्ट कंपनी के मुताबिक़ ड्राइवर ने बैंक तक जाने से मना कर दिया था, ब्लू डार्ट के ऑफिस से बैंक तक ई-रिक्शा से क्वेश्चन पेपर को लाया गया था, तो ये तय है कि राँची के बैंक से हजारीबाग के बैंक के बीच लाने के बीच में ही कुछ खेल आरोपियों ने किया।
तो ये खेल कैसे हुआ समझिए
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल के मुताबिक़ पेपर के बुकलेट को नीचे से काटा गया और वो भी बहुत बारीकी से ताकि किसी को पता न चले, ट्रंक की जो तस्वीर मिली है उसके अनुसार ट्रंक के कब्जा का रंग अलग था और उसके पीछे के हिस्से से बार कॉर्ड मिसिंग था, तो ये मुमकिन है कि ट्रंक के पीछे से किसी ने ट्रंक में टैंपरिंग की अंदर के बुकलेट को निकाला और नीचे से कट लगाया, फिर उसी तरह से ट्रंक को बंद किया और चूँकि कब्जा टूटा था तो अलग रंग का कब्जा भी लगाया।
'लेकिन ये डिजिटल लॉक नहीं खुला और इसे काट दिया गया'
ट्रंक के सामने की तरफ़ डिजिटल लॉक लगा था जिसको 1.15 पे खुलना था लेकिन ये डिजिटल लॉक नहीं खुला और इसे काट दिया गया, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने ये माना कि डिजिटल लॉक उस दिन नहीं खुले थे इसके विपरीत पिछले साल भी डिजिटल लॉक थे जो एकदम टाइम पे खुला थे, गौर करने वाली बात ये भी है कि पूरे देश में ये डिजिटल लॉक नहीं खुले थे एग्जाम केबाद भी NTA की तरफ़ से ये नहीं कहा गया कि डिजिटल लॉक फेल हुआ है, तो ये तय है कि पेपर के बुकलेट में छेड़छाड़ हुई है और कुछ यूँ हुआ है ये पेपर लीक।
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Abhishek Raj author
मैं अभिषेक राज वर्तमान में टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हूँ, मैं टाइम्स नाउ नवभारत के लिए national crime इंवेस्टिगेशन और स्प...और देखें
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