Paramilitary Forces OPS: अर्धसैनिक बलों के सैकड़ों जवानों को फिलहाल 'ओपीएस' नहीं, HC के आदेश पर SC ने लगाई रोक
Paramilitary Forces OPS: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की जाएगी।
ओपीएस पर अर्धसैनिक बलों को लगा बड़ा झटका
Paramilitary Forces OPS: केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लाखों जवानों को ओपीएस (OPS) के मामले पर बड़ा झटका लगा है। केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्थगन ले लिया है। जिसके बाद अब फिलहाल अर्धसैनिक बलों को ओपीएस नहीं मिल पाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की जाएगी। एक संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने नोटिस जारी किया और आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी।
कब होगी अगली सुनवाई
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2024 में तय की है। याचिकाकर्ताओं का मुख्य तर्क यह था कि उन्हें अक्टूबर 2004 से 2005 तक सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्ति की पेशकश की गई थी। जिसके बाद सरकार दिसंबर 2003 में एक अधिसूचना लेकर आई और जनवरी 2004 से नई अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई। याचिकाकर्ताओं के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का यह मुख्य आधार था, जिसमें कहा गया था कि जो लोग सरकार की प्रशासनिक देरी के कारण एनपीएस लागू होने के बाद नियुक्त हुए, उन्हें ओपीएस का लाभ मिलना चाहिए।
कौन थे याचिकाकर्ता
इसी साल जनवरी में दिल्ली हाई कोर्ट ने 82 याचिकाओं पर फैसले में कहा कि सीएपीएफ में जो लोग भर्ती थे और जिनकी आने वाले समय में भर्ती होगी, वे सभी पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे। याचिकाओं का समूह सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी जैसे विभिन्न बलों के कर्मचारियों द्वारा दायर किया गया था।
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