Pariksha Par Charcha 2024: खुद से ज्यादा तेजस्वी और तपस्वी को बनाएं दोस्त, परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में छात्रों से बोले प्रधानमंत्री मोदी
Pariksha Par Charcha: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ऐसे मां-बाप जो खुद सफल नहीं पर हैं वो अपने बच्चों एक रिपोर्ट कार्ड को ही विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। जहां जाते हैं अपने बच्चों की कथा सुनाते हैं। इससे बचना चाहिए।
परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी
Pariksha Par Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को छात्रों से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान संवाद किया। भारत मंडपम में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी। आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंताओं के साथ-साथ करने वाले हैं। एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है। आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने दोस्तों से परीक्षा में प्रतिस्पर्धा के सवाल पर कहा कि आपको अपने दोस्तों से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, दोस्ती लेन-देन का खेल नहीं है। मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है। उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, दोस्त हमसे ज्यादा तेजस्वी और तपस्वी चुनना चाहिए और उनसे हमेशा सीखना चाहिए।
बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को विजिटिंग कार्ड बना देते हैं मां-बाप
पीएम मोदी ने कहा, कुछ मां बाप अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बना देते है। उन्होंने कहा, कई बार मैंने देखा है कि ऐसे मां बाप जो खुद सफल नहीं पर हैं वो अपने बच्चों एक रिपोर्ट कार्ड को ही विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। जहां जाते हैं अपने बच्चों की कथा सुनाते हैं। इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा, मां-बाप अपने बच्चों को हर वक्त कोसते रहते हैं,तो आपके दिमाग में भी यही मानदंड बन जाता है। इससे बचना चाहिए।
तनाव कम करने में शिक्षक की भूमिका अहम
छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है। परीक्षा के तनाव को विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा। इसलिए प्रतिस्पर्धा तो होनी ही चाहिए, लेकिन स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
हंसी-मजाक में टाइम बिताइए, लिखने की आदत भी डालें
प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ गलतियां पैरेंट्स का अतिउत्साह कर देता है। मेरा सुझाव है कि आप बच्चे को मस्ती में जीने दीजिए। उन्होंने कहा, कुछ सिंसेयर स्टूडेंट्स दरवाजे तक किताब लिए रहते हैं। आप आराम से पहले पहुंच जाइए। हंसी मजाक में कुछ टाइम बिता दीजिए। उन्होंने कहा, परीक्षा देने से पहले पहले एक बार पूरा क्वेश्चन पेपर पढ़ लीजिए। फिर हल करना शुरू कीजिए। आज के युग में आईपैड, लैपटॉप, टैब के युग में लिखने की आदत थोड़ी कम हो गई है। आजकल बहुत कम लोग हैं, जिन्हें लिखने की आदत है। उन्होंने छात्रों से कहा, आज से आप नोटबुक पर लिखेंगे और खुद का लिखा हुआ पढ़ेंगे, फिर खुद ही करेक्ट करेंगे।
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