Parliament Monsoon session: 20 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, पेश हो सकता है UCC बिल
Parliament Monsoon session: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। सभी दलों से मानसून सत्र के दौरान विधायी व्यवसाय और अन्य विषयों पर सार्थक चर्चा में योगदान देने का आग्रह करता हूं। जोशी ने कहा, 23 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी।
मानसून सत्र
Parliament Monsoon session: संसद का मानूसन सत्र इस बार 20 जुलाई से शुरू होगा। यह 11 अगस्त तक चलेगा। शनिवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी इसकी घोषणा की। उनकी ओर से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। सभी दलों से मानसून सत्र के दौरान विधायी व्यवसाय और अन्य विषयों पर सार्थक चर्चा में योगदान देने का आग्रह करता हूं।संबंधित खबरें
जोशी ने आगे कहा, 23 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। मैं सभी दलों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य कार्यों में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। उम्मीद की जा रही है कि सरकार के पास सत्र के लिए महत्वपूर्ण विधायी एजेंडा होगा।संबंधित खबरें
नई संसद भवन में होगा मानसून सत्र
20 जुलाई से शुरू हो रहा संसद सत्र इस बार नई संसद में होने की संभावना है। इस दौरान कई सरकार की ओर से कई विधेयक पेश किए जाने की संभावना है। संभावना है कि सरकार इस संसद सत्र के दौरान सबसे महत्वपूर्ण समान नागरिक संहिता पर बिल को पेश कर सकती है। वहीं, कांग्रेस ने भी मानसून सत्र को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। संबंधित खबरें
अरविंद केजरीवाल की भी धड़कने बढ़ींं
मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की भी धड़कनें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, दिल्ली में शक्तियों के बंटवारे को लेकर केंद्र के अध्यादेश पर मानसून सत्र के दौरान चर्चा हो सकती है। बता दें, केजरीवाल इस अध्यादेश को निरस्त करने के लिए विपक्षी पार्टियों से राज्यसभा में समर्थन की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने अध्यादेश पेश कर केजरीवाल सरकार से अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार छीन लिया था। जबकि, सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक आदेश में कहा था कि इस मामले पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार का अधिकार है। संबंधित खबरें
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