संसद की सुरक्षा में सेंधः 'ललित झा साजिश का सरगना', पुलिस बोली- अराजकता फैला मांगें मनवाना चाहते थे सभी आरोपी
Parliament Security Breach Latest Update: पश्चिम बंगाल के रहने वाले झा को कल रात गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इस बीच, सूत्रों की ओर से कहा गया कि पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना का नाट्य रूपांतरण करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है। यह घटना 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर हुई थी।
Parliament Security Breach: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Parliament Security Breach Latest Update: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया आरोपी ललित झा ही पूरे षड्यंत्र का सरगना है। यह दावा शुक्रवार (15 दिसंबर, 2023) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के एक स्थानीय अदालत में दिल्ली पुलिस की ओर से किया गया है। पुलिस ने इसके साथ ही दावा किया कि केस के सभी आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें।
पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस ने कहा कि झा ने स्वीकार किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे। आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या उसका किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई नाता है।
आगे जांच की दिशा के बारे में बात करते हुए पुलिस के सीनियर अफसर ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि वे झा को राजस्थान ले जाएंगे ताकि उस स्थान का पता चल सके जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जला दिए थे। बकौल अधिकारी, ''घटना के बाद वह राजस्थान भाग गया था, जहां वह दो दिन तक रहा और कल रात दिल्ली लौट आया।''
अधिकारी के अनुसार, मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस के पास आरोपियों के मोबाइल फोन नहीं हैं, जिससे साजिश का पता लगाने और अधिक लोगों की संलिप्तता के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सके। पुलिस सुबह से दो और लोगों (कैलाश और महेश) से पूछताछ कर रही है। अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
उन्होंने आगे जानकारी दी, “हम सदन के अंदर और संसद भवन के बाहर घटना के नाट्य रूपांतरण की अनुमति लेने के लिए संसद से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं। गुरुवार को गिरफ्तार किए गए ललित झा ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन भी नष्ट कर दिए थे।”
सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद झा राजस्थान के नागौर भाग गया। सूत्रों ने बताया कि कुमावत और कैलाश ने वहां उसके रहने की व्यवस्था की। कुमावत और कैलाश चचेरे भाई हैं। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने केन को जूते में छिपाने में आरोपियों की मदद की थी। अधिकारी से पूछा गया कि उन्होंने इस कृत्य को अंजाम क्यों दिया? इसपर उन्होंने कहा कि झा ने बताया है कि वे लोग 'बेरोजगारी' से परेशान थे।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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