संसद में घुसपैठ: किसी ने की दिहाड़ी मजदूरी, तो कोई था नेट क्वालीफाइड...आरोपियों के परिजन हैरान

Parliament Security Breach: पुलिस ने संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर इलाके के अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।

संसद में घुसपैठ

Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में जमा हुए। इन छह लोगों में से दो, मनोरंजन डी और सागर शर्मा दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और धुएं के केन खोल दिए, जिससे सांसदों में दहशत फैल गई। वहीं, उनके साथियों नीलम और अमोल शिंदे ने केन से रंगीन धुआं छोड़ा और संसद भवन के बाहर नारेबाजी की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ललित और विशाल शर्मा पर उनके सहयोगी होने का संदेह है। विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है जबकि ललित फरार है। ये सभी गुरुग्राम के सेक्टर- 7 में विशाल शर्मा और उसकी पत्नी राखी के किराए के घर पर ठहरे हुए थे।

मैसूरु का रहने वाला मनोरंजन डी बीई ग्रेजुएट

कर्नाटक के मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने 2016 में बीई पूरा किया और परिवार के साथ खेतीबाड़ी के काम में जुटा हुआ था। मनोरंजन के परिवार ने कहा कि उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ फर्मों में भी काम किया। मनोरंजन डी. के पिता देवराज गौड़ा ने दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है तथा हमेशा समाज के लिए अच्छा करना चाहता है। गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, अगर मेरा बेटा अच्छा करता है तो ठीक है लेकिन अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दे दो। अगर उसने गलत किया है तो वह मेरा बेटा नहीं है। वह संसद हमारी है। आप जैसे लोगों ने ही इसे बनाया है। इसे बनाने में महात्मा गांधी, नेहरू जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी। जो कोई भी हमला करता है वह निंदनीय है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है। वह ईमानदार और सच्चा है। उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है। वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था। मुझे लगता है कि इन किताबों को पढ़ने के बाद उसके मन में ऐसे विचार विकसित हुए। गौड़ा ने कहा, यह समझना मुश्किल है कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था। मेरे बेटे ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और खेती का काम देख रहा था। उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में भी काम किया है।

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