Parliament Special Session: आज नए संसद भवन में एंट्री, सरप्राइज मोड में सरकार, महिला आरक्षण पर बड़ा फैसला!
Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही नये संसद भवन में संचालित होगी। आज इसकी घोषणा दोनों सदनों में की गयी। सोमवार को दोनों सदनों में ‘संविधान सभा से अब तक 75 वर्षों की संसदीय यात्रा-उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और सीख’ विषय पर चर्चा हुई।
नए संसद भवन में आज से चलेगा सत्र
Parliament Special Session: आज से संसदीय कार्यवाही में बहुत कुछ बदल जाएगा, भारत की संसद अब नई संसद से चलेगी। आज पुराने भवन से नए भवन में एंट्री हो जाएगी। संसद के कर्मचारी नई ड्रेस में दिखेंगे और सरकार भी सरप्राइज मोड में दिख रही है। महिला आरक्षण को लेकर अटकलें तो हैं हीं साथ ही ओबीसी बिल को लेकर भी चर्चा है। दावा है कि आज संसद में महिला आरक्षण बिल आ सकता है। यह मांग काफी लंबी है और विपक्ष भी इस मामले पर सरकार से अपील कर चुका है।
नए संसद में एंट्री
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही नये संसद भवन में संचालित होगी। आज इसकी घोषणा दोनों सदनों में की गयी।सोमवार को दोनों सदनों में ‘संविधान सभा से अब तक 75 वर्षों की संसदीय यात्रा-उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और सीख’ विषय पर चर्चा हुई। इस चर्चा के पूरा होने पर राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने घोषणा की कि अगली बैठक नये संसद भवन में होगी। बिरला ने आज सदन की कार्यवाही को स्थगित करते हुए घोषणा की कि सदन की अगली बैठक मंगलवार को अपराह्न एक बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। धनखड़ ने उच्च सदन की कार्यवाही को स्थगित करते हुए घोषणा की कि सदन की अगली बैठक मंगलवार को अपराह्न सवा दो बजे शुरू होगी। संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलने का कार्यक्रम है।
महिला आरक्षण विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी
खबर है कि महिला आरक्षण विधेयक को मोदी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इसका दावा करते हुए ट्वीट भी कर दिया था, लेकिन बाद में उसे हटा लिया।
क्या बोली कांग्रेस
कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में उसके सहयोगी रहे दलों की जीत है, क्योंकि उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में यह विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ था। कांग्रेस ने अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा 16 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए उस पत्र को भी जारी किया, जिसमें महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल पारित कराने की मांग की गई थी।
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