वक्फ समिति ने NDA के सभी संशोधन किए स्वीकार, विपक्ष के सभी संशोधन खारिज, कल्याण बनर्जी बिफरे
संशोधन ठुकराए जाने से बिफरे तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह हास्यास्पद कवायद थी। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है।
संसदीय वक्फ पैनल
Parliament Waqf Panel: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा कर रही संसद की संयुक्त समिति ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को सोमवार को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया। समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि समिति द्वारा स्वीकार किए गए संशोधनों से कानून बेहतर और प्रभावी होगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पलटने का आरोप लगाया।
कल्याण बनर्जी ने लगाया तानाशाही का आरोप
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, यह हास्यास्पद कवायद थी। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है। जगदम्बिका पाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को स्वीकार किया गया है। समिति द्वारा प्रस्तावित अधिक महत्वपूर्ण संशोधनों में से एक यह है कि मौजूदा वक्फ संपत्तियों पर उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ के आधार पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, जो वर्तमान कानून में मौजूद है। नए संस्करण में इसे हटा दिया जाएगा, जहां संपत्तियों को केवल धार्मिक इस्तेमाल के उद्देश्यों के लिए लंबे समय तक उपयोग के आधार पर वक्फ माना जा सकता है।
विपक्ष के संशोधन मत विभाजन से खारिज
पाल ने कहा कि विधेयक के 14 प्रावधानों में एनडीए सदस्यों द्वारा पेश संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सभी 44 प्रावधानों में सैकड़ों संशोधन पेश किए और उनमें से सभी को मत विभाजन से खारिज कर दिया गया। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने गत आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था और इसके बाद इसे संयुक्त समिति को भेज दिया गया था।
मतदान में एनडीए के 16 सांसदों ने संशोधनों के पक्ष में मतदान किया, जबकि 10 विपक्षी सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया। विधेयक के सभी 44 खंडों में शामिल विपक्ष के संशोधन, 10:16 बहुमत से खारिज हो गए। जेपीसी ने घोषणा की कि मसौदा रिपोर्ट 28 जनवरी तक प्रसारित की जाएगी और फिर 29 जनवरी को औपचारिक रूप से अपनाई जाएगी।
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अमित कुमार मंडल author
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