संसद सत्र पर सियासी दलों से कभी भी नहीं ली गई 'सलाह'- सोनिया के 'लेटर बम' पर मोदी के मंत्री का जवाब

दरअसल, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को बुधवार को एक चिट्ठी लिखी थी। लेटर के जरिए उन्होंने आग्रह किया था कि 18 सितंबर, 2023 से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए।

सोनिया गांधी और प्रह्लाद जोशी। (फाइल)

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का जवाब दिया है। बुधवार (छह सितंबर, 2023) को उन्होंने कांग्रेस नेता पर संसद के कामकाज का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद 18 सितंबर से संसद सत्र आहूत किया गया है और इसके लिए राजनीतिक दलों से पूर्व में कभी भी परामर्श नहीं किया गया।

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दरअसल, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को बुधवार को एक चिट्ठी लिखी थी। लेटर के जरिए उन्होंने आग्रह किया था कि 18 सितंबर, 2023 से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए।

उन्होंने इस चिट्ठी में कहा था, "मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है। हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें लोगों से संबंधित और महत्व के मामलों को उठाने का मौका मिलेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।"

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