सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त तो पतंजलि ने मांग ली माफी, भ्रामक विज्ञापन मामले पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण हो चुके हैं तलब
19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों पर अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद को कड़ी फटकार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि ने मांगी माफी (फाइल फोटो)
- अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद को SC से कड़ी फटकार लगाई थी
- सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को तलब किया है
- सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पतंजलि के खिलाफ याचिका दाखिल की है
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब पतंजलि ने एक हलफनामा दाखिल कर माफी मांग ली है। भ्रामक विज्ञापन से जुड़े एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी और बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को तलब कर लिया था।
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माफीनामे में क्या बोले आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक और योग गुरु रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने अपने उत्पादों और उनकी औषधीय प्रभावकारिता के बारे में कंपनी के भ्रामक दावों के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है। यह हलफनामा बुधवार को दायर किया गया था। अदालत में दायर एक हलफनामे में, बालकृष्ण ने कहा है कि वह कानून के शासन का सबसे अधिक सम्मान करते हैं। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि कंपनी "सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं"। बालकृष्ण ने स्पष्ट किया कि कंपनी का "इरादा केवल इस देश के नागरिकों को पतंजलि के उत्पादों का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है।"
पतंजलि का जवाब
- पतंजलि में अपने जवाब में कहा है कि वो सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाएं।
- पतंजलि ने कहा है कि विज्ञापनों के जरिए उसका उद्देश्य देश के नागरिकों को अपने उत्पादों का इस्तेमाल करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है। इनके इस्तेमाल से लोग कई बीमारियों को ठीक भी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट से लग चुकी है फटकार
19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों पर अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद को कड़ी फटकार लगाई थी।न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि रामदेव और बालकृष्ण अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश हों।
क्या है पतंजलि के खिलाफ मामला
सुप्रीम कोर्ट ने ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस याचिका में रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है।
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