'इतिहास के गलत दिशा में चली गई है बिहार में शराबबंदी', नीतीश के फैसले पर पटना हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

Liquor Ban in Bihar: हाई कोर्ट ने कहा कि 'लोगों की सेहत ठीक रखने और जीवन स्तर ऊपर उठाने के इस नेक इरादे के साथ राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून को 2016 में लागू किया लेकिन कई वजहों से यह शराबबंदी इतिहास के गलत दिशा में चली गई है।' एक पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ जारी डिमोशन के आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की।

शराबबंदी पर पटना हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी।

Liquor Ban in Bihar: बिहार में शराबबंदी को लेकर पटना हाई कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार के शराबबंदी के इस फैसले ने बिहार में शराब की तस्करी सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि 'लोगों की सेहत ठीक रखने और जीवन स्तर ऊपर उठाने के इस नेक इरादे के साथ राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून को 2016 में लागू किया लेकिन कई वजहों से यह शराबबंदी इतिहास के गलत दिशा में चली गई है।' एक पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ जारी डिमोशन के आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश कुमार पासवान की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने गत 29 अक्टूबर के अपने फैसले में शराबबंदी पर यह टिप्पणी की। यह फैसला हाई कोर्ट की वेबसाइट पर 13 नवंबर को प्रकाशित हुआ।

गरीबों के लिए मुसीबत बन गया है यह कानून

जस्टिस ने अपने फैसले में कहा, 'पुलिस, एक्साइज, राज्य वाणिज्यिक और परिवहन विभाग के अधिकारी शराबबंदी का स्वागत करते हैं, क्योंकि उनके लिए यह कमाई का जरिया है। शराब तस्करी में शामिल बड़े व्यक्तियों या सिंडिकेट ऑपरेटरों के खिलाफ बहुत कम मामले दर्ज होते हैं। जबकि शराब पीने वाले गरीबों या नकली शराब के शिकार हुए लोगों के खिलाफ अधिक मामले दर्ज होते हैं। यह शराबबंदी कानून एक तरह से गरीबों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है।'

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें

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