महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने रोका, पुंछ में मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों से जा रहीं थी मिलने
Mehbooba Mufti stopped by Police: पीडीपी नेताओं ने बताया, पीड़ित परिवारों के नागरिकों से मिलने की अनुमति न मिलने के बाद पीडीपी प्रमुख धरने पर बैठ गईं। उन्होंने मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने की अनुमति दी जाए।
धरने पर बैठीं पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती
Mehbooba Mufti stopped by Police: पुंछ में आतंकवादी हमले के बाद बाद हिरासत में लिए गए तीन नागरिकों की मौत के बाद आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर में काफी सियासी हंगामा देखा गया। यह वाकया तब हुआ जब मृतक नागरिकों के परिवार से मिलने जा रहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने रोक दिया। पीडीपी नेताओं ने कहा कि मुफ्ती को पार्टी के अन्य सहयोगियों के साथ बफलियाज के पास डेरा की गली में पुलिस ने रोक लिया। उन्हें पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए टोपा पीर गांव की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
बता दें, पुंछ के सुरनकोट इलाके में 21 दिसंबर को आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए थे। मामले में सेना ने तीन नागरिकों सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को पूछताछ के लिए ले गयी थी, जो अगले दिन मृत मिले थे।
रोके जाने के बाद मुफ्ती धरने पर बैठीं
पीडीपी नेताओं ने बताया, पीड़ित परिवारों के नागरिकों से मिलने की अनुमति न मिलने के बाद पीडीपी प्रमुख धरने पर बैठ गईं। उन्होंने मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने की अनुमति दी जाए। इस दौरान हाल में भाजपा अध्यक्ष रवींदर रैना को पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति देने के मद्देनजर महबूबा ने उन्हें वहां जाने से रोकने के फैसले पर सवाल उठाया।
पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा
बता दें, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले हफ्ते मृत नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की थी और कहा था कि चिकित्सा-कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और इस मामले में उचित प्राधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सेना ने तीन नागरिकों की मौत की गहन आंतरिक जांच का आदेश दिया है और कहा है कि वह जांच के संचालन में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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