माइनस 40 डिग्री में भी गर्मी का एहसास देते है ये पॉड्स, बर्फीली चोटियों पर सैनिकों को होगा फायदा

हमारे सैनिक विपरीत परिस्थितियों में भी देश की रक्षा करते हैं। माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी सैनिक सीमा पर पहरा देते हैं। यह मौसम उनके लिए घातक भी साबित होता है। अब पीक पॉड्स आए हैं, जो उन्हें इस एक्स्ट्रीम कंडीशन में बचाएगा।

पीक पॉड्स

हमारे सैनिक शियाचिन, लेह-लद्दाख और चीन बॉर्डर पर मानस 40 डिग्री तक के तापमान में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं वह बर्फीली चोटियों पर सीमा प्रहरी बनकर डटे रहते हैं। ऐसा ठंडे वातावरण में काम करना और रहना उनके लिए घातक साबित होता है। ऐसे मौसम से सैनिकों को बचाने के लिए ही अब पीक पॉड्स विकसित किए गए हैं। इन पीक पॉड्स के अंदर तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहता है, भले ही बाहर माइनस 40 डिग्री तापमान हो।

पीक पॉड्स को -40 डिग्री की ठंड जैसे हालातों में जवानों के रहने के लिए तैयार किया गया है। फिलहाल सेना की 14 कॉर्प्स के जवान इन पीक पॉड्स में रहकर इनकी कार्य कुशलता की जांच कर रहे हैं। बता दें कि सेना की यह यूनिट सियाचिन ग्लेशियर, कारगिल और लेह में तैनात हैं।

डीटेक 360 इनोवेशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय मित्ता का कहना है कि डीआरडीओ ने गलवान घाटी में सैनिकों के रहने की व्यवस्था के लिए उनसे संपर्क किया था। उनका कहना है कि उस समय ऐसी कोई टेक्नोलॉजी मौजूद नहीं थी। उन्होंने बताया,'आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर इन पीक पॉड्स को विकसित किया गया है।'

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