इधर बिना मिश्रण वाले तेल पर यह शुल्क लगाने का फैसला टला, उधर इस डॉक्यूमेंट के बगैर नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि इस संबंध में अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण, परिवहन और यातायात विभाग के अधिकारियों की एक बैठक 29 सितंबर को बुलाई गई थी, जिसमें 25 अक्टूबर से इस योजना को लागू करने का फैसला लिया गया।

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सरकार ने मिश्रण के बगैर बिकने वाले पेट्रोल एवं डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लागू करने का फैसला क्रमशः एक महीने और छह महीने के लिए टाल दिया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार की रात को जारी एक गजट अधिसूचना में कहा कि इथेनॉल की मिलावट के बगैर बिकने वाले पेट्रोल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क अब एक नवंबर, 2022 से लागू होगा। वहीं बायो-डीजल के मिश्रण के बगैर बिकने वाले डीजल पर यह शुल्क अब एक अप्रैल, 2023 से लागू होगा।

सरकार ने इथेनॉल एवं बायो-डीजल के मिश्रण वाले ईंधन की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए बिना मिश्रण वाले पेट्रोल एवं डीजल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी में है। लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए उद्योग समुदाय को अधिक समय देने की कवायद के तौर पर समयसीमा को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल 2022 से शुरू वित्त वर्ष के लिए अपने बजट में क्रमश: इथेनॉल और बायो-डीजल के मिश्रण के बगैर बिकने वाले पेट्रोल और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की घोषणा की थी। बिना मिश्रण वाले ईंधन पर यह अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन अब इसे आगे के लिए टाल दिया गया है।

उधर, दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने फैसला किया है कि 25 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंपो पर पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण जांच) प्रमाणपत्र के बिना पेट्रोल और डीजल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि इस संबंध में अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण, परिवहन और यातायात विभाग के अधिकारियों की एक बैठक 29 सितंबर को बुलाई गई थी, जिसमें 25 अक्टूबर से इस योजना को लागू करने का फैसला लिया गया।

राय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का बड़ा हाथ है। इसे कम करना आवश्यक है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि 25 अक्टूबर से वाहन के पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल, डीजल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।’’ राय ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने और संशोधित ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तीन अक्टूबर से 24 घंटे संचालित होने वाला नियंत्रण कक्ष शुरू करेगी।

मंत्री ने कहा कि दिल्ली में छह अक्टूबर से धूल रोधी अभियान भी शुरू किया जाएगा, जिसके तहत धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए निर्माण स्थलों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।

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