सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा कर्नाटक 'हनी-ट्रैप' मामला, जनहित याचिका दायर, नेताओं की बढ़ेगी टेंशन

विधायकों ने 19 मार्च को आरोप लगाया था कि कर्नाटक में राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए हनी ट्रैप के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विपक्ष के दावों का समर्थन किया और ऐसे मामलों की उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हनी ट्रैप मामला

Karnataka Honey-Trapping: कर्नाटक 'हनी-ट्रैप' का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है। वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को आज या कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई है। जनहित याचिका में आरोपों की सीबीआई या एसआईटी द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

विधायकों ने लगाए संगीन आरोप

विधायकों ने 19 मार्च को आरोप लगाया था कि कर्नाटक में राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए हनी ट्रैप के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विपक्ष के दावों का समर्थन किया और ऐसे मामलों की उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया था। आरोपों का जवाब देते हुए परमेश्वर ने ऐसी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने की बात कही थी। गृह मंत्री ने विधानसभा में कहा, अगर हमें अपने सदस्यों की गरिमा को बनाए रखना है, तो हमें ऐसी घटनाओं को रोकना होगा। यह एक गंभीर मुद्दा है। मैं इसकी उच्च स्तरीय जांच का आदेश दूंगा।

48 लोग हनी ट्रैप के शिकार

वहीं, सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने सदन को सूचित किया कि राज्य में 48 लोग हनी ट्रैप के शिकार हुए हैं और उनके अश्लील वीडियो प्रसारित किए गए हैं, राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली ने आरोप लगाया कि एक कैबिनेट सहयोगी को दो असफल हनी ट्रैप प्रयासों का सामना करना पड़ा। राजन्ना ने कहा, लोग कहते हैं कि कर्नाटक में सीडी और पेन ड्राइव बनाने की फैक्ट्री है। मुझे पता चला है कि राज्य में 48 लोगों की सीडी और पेन ड्राइव उपलब्ध हैं। यह नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और कई केंद्रीय मंत्री भी इसके जाल में फंसे हैं।

बीजेपी विधायक बोले, ब्लैकमेल की रणनीति

बजट चर्चा के दौरान भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने दावा किया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए ब्लैकमेल की रणनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा विधायक वी सुनील कुमार ने भी इस चिंता को दोहराया और कहा कि जो लोग अपने विरोधियों को नहीं हरा पाए, वे अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ब्लैकमेलिंग का सहारा ले रहे हैं।

उन्होंने सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया, क्योंकि एक मंत्री ने दावा किया था कि 48 लोगों को हनी ट्रैप में फंसाया गया है। कुमार ने कहा, जब कोई मंत्री इस तरह का बयान देता है तो स्थिति गंभीर होती है। अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है और उचित जवाब नहीं देती है, तो हम यह निष्कर्ष निकालेंगे कि इसमें सरकार शामिल है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर "हनी-ट्रैप फैक्ट्री" चलाने का भी आरोप लगाया और गृह विभाग से कार्रवाई की मांग की।

भाजपा विधायक मुनिरत्न ने आरोप लगाया कि उन्हें बलात्कार के मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उन्होंने मांग की कि इसे सीबीआई को सौंप दिया जाए। मंत्री सतीश जारकीहोली ने दावा किया Le कि राज्य में एक वरिष्ठ मंत्री पर हनी ट्रैप के दो असफल प्रयास किए गए और मामले की पुलिस जांच की मांग की। जारकीहोली ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, मंत्री पर दो प्रयास किए गए, लेकिन वे सफल नहीं हुए। यह कर्नाटक में हनी ट्रैप की पहली घटना नहीं है। घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की रणनीति शामिल नहीं होनी चाहिए। कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी स्थितियों का फायदा उठाते हैं और इसे रोका जाना चाहिए।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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