गाजियाबाद में होने वाली धर्म संसद का मामला सुप्रीम कोर्ट में उठा, प्रशांत भूषण ने दी याचिका

कुछ पूर्व नौकरशाहों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ से आग्रह किया कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है। धर्म संसद मंगलवार से प्रस्तावित है।

सुप्रीम कोर्ट

Dharam Sansad in Ghaziabad: गाजियाबाद में होने वाली धर्म संसद का मामला आज सुप्रीम कोर्ट में भी उठा। प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई के संकेत दिए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जिन्होंने भी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 'धर्म संसद' के खिलाफ याचिका दायर की है, तत्काल सुनवाई हेतु एक ईमेल भेजें। याचिका में आरोप लगाया गया है कि धर्मसंसद में मुसलमानों के नरसंहार के लिए एक आह्वान जारी किया गया है।

प्रशांत भूषण ने दाखिल की याचिका

कुछ पूर्व नौकरशाहों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ से आग्रह किया कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा, मैं विचार करूंगा। कृपया एक ईमेल भेजें। भूषण ने कहा कि मुसलमानों के नरसंहार का खुला आह्वान किया गया है और याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि मंगलवार को 'धर्म संसद' शुरू होगी।

यति नरसिंहानंद फाउंडेशन की 'धर्म संसद'

यति नरसिंहानंद फाउंडेशन की 'धर्म संसद' मंगलवार से शनिवार तक गाजियाबाद के डासना में शिव-शक्ति मंदिर परिसर में आयोजित होने का प्रस्ताव है। कार्यकर्ताओं और पूर्व नौकरशाहों ने शीर्ष अदालत के आदेशों की जानबूझकर अवमानना करने के लिए गाजियाबाद जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं में कार्यकर्ता अरुणा रॉय, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, पूर्व आईएफएस अधिकारी देब मुखर्जी और नवरेखा शर्मा और अन्य शामिल हैं।

End Of Feed