Atiq Ahmed Murder Case: SC पहुंचा अतीक-अशरफ हत्याकांड, स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से जांच के लिए अर्जी दायर

Atiq Ahmed Murder Case: सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है। इस अर्जी में साल 2017 के बाद यूपी में हुए 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है। इस अर्जी में मुठभेड़ों पर डीजीपी (कानून-व्यवस्था) के आंकड़ों का जिक्र किया गया है।

atik ahmed murder case

मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचे थे अतीक और अशरफ, तभी हुई हत्या।

Atiq Ahmed Murder Case: माफिया अतीक अहमद एवं उसके भाई अशरफ की हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इन दोनों हत्याओं की जांच एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से कराने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई वाली समिति 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में हुए मुठभेड़ों की जांच करे। बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार रात एक मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाने के दौरान अहमद (60) और अशरफ जब पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे, तभी वहां पत्रकारों के भेष में आए तीन हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।

शाल तिवारी की ओर से दायर की गई जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है। इस अर्जी में साल 2017 के बाद यूपी में हुए 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है। इस अर्जी में मुठभेड़ों पर डीजीपी (कानून-व्यवस्था) के आंकड़ों का जिक्र किया गया है। इस घटना के कुछ घंटे पहले अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार किया गया था, जो 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के छह वर्षों में 183 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है और इसमें असद और उसके साथी भी शामिल हैं।

हत्याकांड के बाद विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार

पुलिस मुठभेड़ में अतीक के बेटे असद के मारे जाने के बाद इस एनकाउंटर पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर हैं। असद और गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर के बाद पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ की हत्या ने विपक्ष को योगी सरकार एवं यूपी पुलिस को घेरने का एक और मौका दे दिया है। हालांकि, अतीक एवं अशरफ की हत्या के बाद से योगी सरकार सक्रिय हो गई। उसने हत्याकांड की जांच के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में एक न्यायिक आयोग गठित किया है।

14 दिन की न्यायिक हिरासत में 3 आरोपी

इस मामले में दर्ज रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया है कि तीनों हमलावरों ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर राज्य में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। बहरहाल, तीनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपियों का कहना है कि वे इन हत्याओं से अपने लिए नाम कमाना चाहते थे। हालांकि, पुलिस इनकी इस थ्योरी पर विश्वास नहीं कर रही है। वह इस हत्याकांड को आपसी रंजिश एवं अन्य पहलुओं से जोड़कर भी जांच में जुटी है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited