महाकाल की नगरी में रात में नहीं ठहरते हैं पीएम और सीएम, चली जाती है कुर्सी, इस मिथक को तोड़ेंगे पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) महाकाल कॉरिडोर (Mahakal Corridor) का उद्घाटन करने जा रहे हैं। लेकिन उज्जैन से जुड़ी एक मिथक प्रचलित है कि जो पीएम या सीएम वहां रात गुजारते हैं तो उनकी कुर्सी चली जाती है। क्या पीएम मोदी इस मिथक तोड़ देंगे?

महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी

मुख्य बातें
  • पीएम मोदी उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर करेंगे।
  • पीएम कॉरिडोर में शिवलिंग का भी अनावरण करेंगे।
  • PM, CM को लेकर उज्जैन से मिथक जुड़ा हुआ है।
Mahakal Corridor Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) मंगलवार (11 अक्टूबर) शाम को महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) कॉरिडोर यानी महाकाल कॉरिडोर (Mahakal Corridor) के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस कॉरिडोर का निर्माण 856 करोड़ रुपए की लागत किया जा रहा है। पीएम मोदी इस विशाल कॉरिडोर में शिवलिंग का आधिकारिक रूप से अनावरण करेंगे। महाकाल लोक (Mahakal Lok) के नंदी द्वार के नीचे मोली से लिपटा एक विशाल शिवलिंग रखा गया है। पीएम मंगलवार को शाम करीब साढ़े 5 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। उसके बाद वह मंदिर परिसर में जाएंगे और महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करेंगे। फिर नंदी द्वार जाएंगे और कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी वहां रात गुजारते हैं या नहीं, यह तय नहीं है। लेकिन महाकाल की नगरी से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर एक मिथक जुड़ा है, जो भी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री उज्जैन में राज गुजारे हैं। उनकी कुर्सी चली गई है। क्या पीएम मोदी यहां रात गुजार कर इस मिथक को तोड़ देंगे।

उज्जैन में रात गुजारने से एक पीएम और एक सीएम की चली गई थी कुर्सी

ऐसा मिथक है कि राज्य और देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे जिन लोगों ने ये गलती की। उनकी कुर्सी चली गई है। इस लिस्ट में एक पीएम और सीएम के नाम हैं। इस मिथक को लेकर कहा जाता है कि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई महाकाल की नगरी उज्जैन में एक रात रुके थे। कथित तौर पर दूसरे दिन ही उनकी कुर्सी चली गई थी। इसके बाद से कोई प्रधानमंत्री उज्जैन में रुका नहीं है। इसके साथ ही एक और मिथक है कि कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी उज्जैन में रात के वक्त रुके थे। जिसके 20 दिन बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

खुद महाकाल हैं उज्जैन के राजा

महाका ल मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। उज्जैन में सरकार का कोई भी मुखिया रात में नहीं रूकता है। क्योंकि उज्जैन के राजा खुद महाकाल हैं। कहा जाता है कि उज्जैन के राजा विक्रमादित्य भी कभी उज्जैन में रात के वक्त नहीं रुके। बहरहाल महाकाल में उनके भक्तों की अटूट आस्था है।
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