जिनको किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूछा और पूजा... दिल्ली में बोले PM Modi
PM Narendra Modi: पीएम मोदी ने पीएम स्वनिधि महोत्सव में कहा, आपका ये सेवक गरीबी से निकलकर यहां पहुंचा है, मैं गरीबी को जी करके यहां आया हूं। इसलिए जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी ने पूछा भी है और पूजा भी है। अगर आपके पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं तो चिंता मत कीजिए...मोदी आपकी गारंटी लेता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में लोगों को संबोधित किया। पीएम स्वनिधि महोत्सव में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, यह महोत्सव ऐसे लोगों को समर्पित है, जिनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकते। कोरोना के समय में, हर किसी को एहसास हुआ कि रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत क्या होती है। उन्होंने कहा, रेहड़ी-पटरी वाले साथियों के ठेले, दुकान भले छोटे हों, लेकिन इनके सपने बड़े होते हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, अतीत में पहले की सरकारों ने इन साथियों की सुध तक नहीं ली, इनको अपमान सहना पड़ता था, ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। फुटपाथ पर सामान बेचते हुए पैसों की जरूरत पड़ जाती थी, तो मजबूरी में महंगे ब्याज पर पैसा लेना पड़ता था। बैंक से इनको लोन ही नहीं मिलता था।
जिसको किसी ने नहीं पूछा...
पीएम मोदी ने आगे कहा, आपका ये सेवक गरीबी से निकलकर यहां पहुंचा है, मैं गरीबी को जी करके यहां आया हूं। इसलिए जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी ने पूछा भी है और पूजा भी है। अगर आपके पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं तो चिंता मत कीजिए...मोदी आपकी गारंटी लेता है। उन्होंने कहा, पीएम स्वनिधि योजना मोदी की ऐसी ही गारंटी है, जो आज रेहड़ी-पटरी, ठेले और ऐसे छोटे-छोटे काम करने वाले लाखों परिवारों की संबल बनी है। मोदी ने तय किया कि बैंकों से सस्ता लोन मिले और मोदी की गारंटी पर मिले।
62 लाख लाभार्थियों को मिले 11 हजार करोड़
पीएम ने कहा, इस योजना के तहत अभी तक देश के 62 लाख लाभार्थियों को लगभग 11 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं और अब तक का मेरा अनुभव है कि समय पर वो पैसे भी लौटाते हैं। मुझे खुशी है कि पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों में आधे से अधिक हमारी माताएं-बहनें हैं। स्वनिधि योजना की वजह से रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले पर काम करने वालों की कमाई बढ़ गई है। खरीद-बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड होने की वजह से अब बैंकों से मदद मिलने में भी आसानी हो गई है।
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