शेट्टर के ऑफिस में अब भी लगी हैं पीएम मोदी और अमित शाह की तस्वीरें, बीजेपी छोड़ कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं चुनाव, आखिर मन में है क्या?
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और हुबली-धारवाड़ मध्य कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन अपने ऑफिस में पीएम मोदी और अमित शाह की तस्वीर लगाकर रखे हैं। पूछे जाने पर उन्होंने कही ये बात।
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस मेंं शामिल होने वाले जगदीश शेट्टर
कर्नाटक विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों करीब आ रहा है त्यों-त्यों नई-नई बातें सामने आ रही हैं। बीजेपी को झटका देकर कांग्रेस में शामिल होने वाले लिंगायत समुदाय के दिग्गत नेता कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को लेकर नई बात सामने आ रही है। वो हुबली-धारवाड़ मध्य से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन अपने ऑफिस की दीवार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीरें लगा रखे हैं। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि पीएम मोदी और अमित शाह की तस्वीर क्यों लगी है तो उन्होंने कहा कि इन्हें हटाना उचित नहीं है क्योंकि मैं उनका सम्मान करता हूं। अब सवाल उठता है क्या उनके मन में कुछ और तो खिचड़ी नहीं पक रही है।
1994 से हुबली-धारवाड़ मध्य से बीजेपी विधायक रहे हैं शेट्टर
शेट्टर हुबली-धारवाड़ मध्य विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व 1994 से बीजेपी सदस्य के रूप में करते रहे हैं। उनका दावा है कि पहले बीजेपी का इस क्षेत्र में कोई वजूद नहीं था और उन्होंने यहां पार्टी के लिए आधार तैयार किया था। बीजेपी से अपने सालों पुराने संबंध तोड़ने के बाद शेट्टर ने अब कांग्रेस का झंडा थामा है और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार में लगे हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी ऑफिस में मोदी और शाह की तस्वीरें
शेट्टर अपने अतीत को दरकिनार कर अपने घर में स्थित कार्यालय में सोफे पर बैठकर अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। मोदी और शाह की दो तस्वीरें अब भी उनके पीछे की दीवार पर टंगी हैं। इसी सोफे पर बैठकर पीटीआई को दिए इंटरव्यू के दौरान इन तस्वीरों के अभी तक लगे होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें हैरानी की क्या बात है।
मोदी और शाह का बहुत सम्मान करते हैं शेट्टर
शेट्टर ने कहा के एक पार्टी से दूसरी में जाने के फौरन बाद पहले के नेताओं की तस्वीरें हटाना अच्छी बात नहीं है। मैं ऐसा नहीं कर सकता। शेट्टर और उनकी पत्नी पहले कई बार यह बात कह चुके हैं कि वे मोदी और शाह का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव मेरे आत्मसम्मान की लड़ाई है, राजनीतिक आकांक्षाओं की नहीं। मेरे आत्मसम्मान को चोट पहुंची है, इसलिए मैं अपनी खुद की शांति के लिए बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हो गया।
बीजेपी ने मुझे इसलिए नहीं दिया टिकट
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी को उन्हें एक आखिरी बार यहां से खड़ा करके सम्मानजनक विदाई का अवसर देना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि महासचिव (संगठन) बी एल संतोष के कारण ऐसा नहीं हो सका जिन्होंने अपने करीबी सहयोगी के लिए टिकट पर जोर दिया और यह सब नाटक किया।
शेट्टर ने यह भी कहा कि उन्हें बीजेपी ने इसलिए भी टिकट नहीं दिया क्योंकि इस तरह की आशंका थी कि वह पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बाद लिंगायतों में नंबर एक के नेता हो सकते हैं।
आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और कोई भ्रष्टाचार नहीं किया
क्या कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उन्हें मतदाताओं को मनाने में दिक्कत आ रही है, इस प्रश्न के उत्तर में पूर्व बीजेपी नेता ने कहा कि शुरू में कुछ असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे मतदाता समझ रहे हैं, जब उन्हें पता चल रहा है कि बिना किसी वजह से उन्हें बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि पता नहीं मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया जबकि मैं लोकप्रिय हूं, कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और कोई भ्रष्टाचार नहीं किया। भाजपा ने 75 साल की उम्र वाले लोगों, नेताओं के रिश्तेदारों और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को प्रत्याशी बनाया है।
मैं सत्ता का लोभी नहीं
शेट्टर ने कहा कि यह गलत धारणा है कि उन्होंने पिछले 6 चुनाव बीजेपी कार्यकर्ताओं और मराठाओं की मदद से जीते। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सत्ता के भूखे नहीं हैं और अगर ऐसा होता तो बसवराज बोम्मई नीत मंत्रिमंडल में मंत्री होते। उन्होंने कहा कि बोम्मई राजनीति में मेरे बाद आये। उनके मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते ही मैं मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ। मैं पिछले दो साल से विधायक के रूप में काम कर रहा हूं।
मैं 1,000 करोड़ रुपये वाला नेता नहीं हूं
हुबली और उसके आसपास स्थित अपनी संपत्तियों की जांच की जनता दल (सेक्यूलर) के नेता सी एम इब्राहिम की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने बेंगलुरु में कोई बंगला नहीं बनाया। यहां भी मेरे पास कानूनी दायरे के तहत सीमित संपत्ति हैं। मैं 1,000 करोड़ रुपये वाला नेता नहीं हूं। मेरा करोड़ों रुपये का लेनदेन नहीं है। ये सारे बकवास आरोप हैं।
मेरे बेटे में क्षमता होगी तो आगे बढ़ेगा
क्या शेट्टर के बीजेपी छोड़ने से पार्टी में उनके बेटे के लिए संभावना कमजोर हुई है, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं हमेशा इस बात पर भरोसा करता हूं कि एक परिवार, एक अधिकार पर्याप्त है। मैं इस बात पर जोर नहीं देने वाला कि मेरे बच्चे मेरे उत्तराधिकारी बनें। अगर उनमें नेतृत्व क्षमता तथा रुचि है तो वे आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव को उनके परिवार ने व्यक्तिगत चुनौती के तौर पर लिया है। उन्होंने कहा कि मेरे से ज्यादा, मेरी पत्नी इस चुनाव में परिश्रम कर रही हैं। वह मेरे लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रही हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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