कारगिल के शहीदों को PM मोदी, राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि, प्रधानमंत्री बोले-सदैव प्रेरित करेगा बलिदान
Kargil Vijay Diwas: कारगिल की लड़ाई में भारतीय सेना के 500 से ज्यादा जवान एवं अधिकारी शहीद हुए। जवानों के शौर्य को सलाम एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लद्दाख में दो दिन का कार्यक्रम हो रहा है। करगिल विजय दिवस भारत की अपने पड़ोसी पर जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।
Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सेना के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। 24वें विजय दिवस पर पीएम ने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे। इस विशेष दिवस पर वह वीर जवानों का हृदय से नमन और वंदन करते हैं।
लद्दाख में राजनाथ सिंह ने श्रद्धासुमन अर्पित किए
वीर जवानों के शौर्य एवं पराक्रम को याद करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'कारगिल विजय दिवस पर देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगा देने वाले सभी योद्धाओं को नमन!' साल 1999 में कारगिल की चोटियों पर पाकिस्तानी सेना एवं मुजाहिदीनों से लड़ते हुए भारतीय सेना ने अद्भुत साहस, वीरता एवं पराक्रम का प्रदर्शन किया।
पाकिस्तान पर जीत का प्रतीक है यह दिन
इस लड़ाई में भारतीय सेना के 500 से ज्यादा जवान एवं अधिकारी शहीद हुए। जवानों के शौर्य को सलाम एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लद्दाख में दो दिन का कार्यक्रम हो रहा है। करगिल विजय दिवस भारत की अपने पड़ोसी पर जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।
वीरांगनाओं से सेना प्रमुख की बातचीत
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर लद्दाख के द्रास में पूर्व सैनिकों, ‘वीर नारियों’, वीरता पुरस्कार विजेताओं और स्थानीय लोगों से मंगलवार को संवाद किया। भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ के सफल समापन और विजय की घोषणा की थी। इसी के साथ कारगिल के तोलोलिंग और टाइगर हिल सहित ऊंचाई वाली बर्फीली चोटियों पर करीब तीन महीने से जारी लड़ाई खत्म हुई थी।
द्रास-कारिगल में कार्यक्रम
सेना ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘करगिल विजय दिवस 2023 की पूर्व संध्या पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीरत पुरस्कार विजेताओं और द्रास-कारगिल की अवाम से संवाद किया और अपना अभार प्रकट किया। इस दौरान सेना के बैंड ने और लद्दाख की समृद्ध एवं विविधता युक्त संस्कृति से युक्त सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।’
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