कच्चातिवु मामला: पीएम मोदी और एस जयशंकर का विपक्ष पर जोरदार हमला, कांग्रेस के साथ द्रमुक को भी घेरा

पीएम मोदी ने दिवंगत डीएमके सांसद एरा सेझियान के एक बयान को साझा किया, जिसमें तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते पर नाराजगी जताई गई है।

PM Modi and S Jaishankar

पीएम मोदी-एस जयशंकर का डीएमके-कांग्रेस पर हमला

Katchatheevu island: कच्चातिवु द्वीप के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर अब विपक्ष पर हमलावर हैं। पीएम और विदेश मंत्री ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपने के लिए कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को डीएमके की आलोचना करते हुए कहा कि द्वीप के बारे में सामने आ रही नई जानकारियों ने डीएमके के दोहरे मापदंड का पर्दाफाश कर दिया है।

पीएम मोदी का द्रमुक पर निशाना

पीएम मोदी ने दिवंगत डीएमके सांसद एरा सेझियान के एक बयान को साझा किया, जिसमें तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते पर नाराजगी जताई गई है। इस समझौते के तहत भारत ने कच्चातिवु द्वीप पर अपना दावा छोड़ दिया था। उन्होंने इसे एक अपवित्र समझौता बताया। पीएम मोदी ने कहा, बयानबाजी को छोड़ दें तो डीएमके ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चातिवु पर सामने आई नई जानकारियों ने डीएमके के दोहरे मानदंडों को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। कांग्रेस और डीएमके एक ही परिवार से हैं। उन्हें केवल इस बात की परवाह है कि उनके अपने बेटे और बेटियां आगे बढ़ें। कच्चातिवू पर उनकी उदासीनता ने खास तौर पर हमारे गरीब मछुआरों और मछुआरे महिलाओं के हितों को नुकसान पहुंचाया है।

एस जयशंकर ने भी कांग्रेस-द्रमुक को घेरा

वहीं, कच्चातिवु के मुद्दे पर आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कांग्रेस और द्रमुक को घेरा। जयशंकर नेक कहा, कच्चातिवु का मुद्दा अचानक सामने नहीं आया है, यह एक जीवंत मुद्दा है, संसद में अक्सर इस पर बहस की जाती है। कांग्रेस, द्रमुक ने कच्चातिवु मुद्दे पर ऐसा रुख अपनाया है जैसे उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। कच्चातिवु मुद्दे को लेकर केंद्र और तमिलनाडु के बीच अक्सर पत्राचार होता है, मैंने 21 बार मुख्यमंत्री को जवाब दिया है। तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने भारतीय क्षेत्र के प्रति उदासीनता दिखायी, उन्हें कोई परवाह ही नहीं थी।

कहा- डीएमके को थी पूरी जानकारी

विदेश मंत्री ने कहा, द्रमुक ने कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंपने पर सवाल उठाए, उसने दावा किया कि तमिलाडु सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया गया जबकि सच्चाई यह है कि उसे इसकी पूरी जानकारी दी गई थी अब हम न केवल यह जानते हैं कि इसे किसने किया बल्कि यह भी जानते हैं कि इसे किसने छिपाया। हमें एक समाधान तलाशना होगा, हमें श्रीलंकाई सरकार के साथ इस पर काम करना होगा।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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