नए अध्याय की शुरुआत- PM मोदी और शेख हसीना ने भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन का किया उद्घाटन; जानिए खास बातें

India Bangladesh Friendship Pipeline: पीएम मोदी ने भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन परियोजना की नींव 2018 में रखी थी। जिसके बाद कोरोना ने इसके निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाया। इस पाइपलाइन का निर्माण भारत और बांग्लादेश ने संयुक्त रूप से किया है। इस परियोजना के पूरा होने से बांग्लादेश को काफी फायदा होगा।

PM Modi Sheikh Hasina.

बांग्लादेश को डीजल की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन का उद्घाटन

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

India Bangladesh Friendship Pipeline: शनिवार को पीएम मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीने ने संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन का उद्घाटन किया। इसके उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह एक नए अध्याय की शुरुआत है।

पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन

पीएम मोदी और उनके बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने शनिवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन का उद्घाटन किया। पहली क्रॉस-बॉर्डर फ्रेंडशिप पाइपलाइन को 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समय, भारत से बांग्लादेश को डीजल आपूर्ति 512 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग से की जाती है। 131.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन से असम में नुमालीगढ़ से बांग्लादेश तक हर साल 10 लाख टन डीजल की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ परिवहन व्यय कम होगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

क्या कहा पीएम ने

पीएम मोदी ने इसके उद्घाटन के दौरान इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इसका उद्घाटन बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की जयंती के एक दिन बाद हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त परियोजना उनकी 'सोनार बांग्ला' दृष्टि का एक आदर्श उदाहरण है। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा- "पिछले कुछ वर्षों में, पीएम शेख हसीना के कुशल नेतृत्व में, बांग्लादेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। हर भारतीय को उस पर गर्व है और हमें खुशी है कि हम बांग्लादेश की इस विकास यात्रा में योगदान दे पाए हैं। यह संयुक्त परियोजना उनके 'सोनार बांग्ला' विजन का एक आदर्श उदाहरण है।"

खास बातें

  • दोनों देशों के बीच ऊर्जा पाइपलाइन का निर्माण 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है, जिसमें से पाइपलाइन का बांग्लादेश वाला हिस्सा लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। लागत अनुदान सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा वहन की गई है।
  • पाइपलाइन में हाई-स्पीड डीजल के एक मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) परिवहन की क्षमता है। यह शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई-स्पीड डीजल की आपूर्ति करेगा।
  • पूरी पाइपलाइन 131.5 किमी लंबी है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जून में प्रायोगिक आधार पर डीजल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
  • पाइपलाइन के माध्यम से भारत से बांग्लादेश में डीजल आयात करने के लिए 2017 में एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से दिनाजपुर के परबतीपुर में मेघना पेट्रोलियम डिपो तक फैला हुआ है।
  • पहले, बांग्लादेश भारत से डीजल आयात करने के लिए रेलगाड़ियों का उपयोग करता था। अब पाइप लाइन जरिए होगा।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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