संसद के विशेष सत्र के बीच PM Modi ने बुलाई कैबिनेट बैठक, कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष में हलचल शुरू
Cabinet Meeting: विशेष सत्र के बीच सोमवार शाम 6:50 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है, यह बैठक एनेक्सी बिल्डिंग में होनी है। इस बीच कयास तेज हो गए हैं कि पीएम मोदी की कैबिनेट बैठक में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर चर्चा हो सकती है। ऐसे में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल हरकत में आ गए हैं।

पीएम मोदी ने बुलाई कैबिनेट बैठक
Cabinet Meeting: संसद के विशेष सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक बुलाकर चौंका दिया है। सूत्रों के मुताबिक, आज शाम 6:50 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है, यह बैठक एनेक्सी बिल्डिंग में होनी है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस कैबिनेट बैठक में विशेष सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले बिलों को लेकर चर्चा कर सकते हैं और कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
इस बीच कयास तेज हो गए हैं कि पीएम मोदी की कैबिनेट बैठक में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर चर्चा हो सकती है और सरकार की सूची में यह शामिल हो सकता है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इस पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, अटकलें है कि विशेष सत्र के दौरान सरकार चौंकाने वाला फैसला ले सकती है। ऐसे में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल हरकत में आ गए हैं।
कांग्रेस-टीएमसी ने पहले ही चला दांव
बता दें, भारत की सियासत में लंबे समय से महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने की मांग हो रही है। कई सरकारों ने इसको लेकर बिल भी पेश किया, लेकिन 27 साल बाद भी यह बिल पास नहीं हो सका। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस बिल को पास कराने के लिए एड़ी-चोट का जोर लगा सकती है। ऐसे में कांग्रेस और टीएमसी जैसे दलों ने पहले ही दांव चल दिया है। कांग्रेस ने अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक में सरकार से महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग रख दी है। वहीं, टीएमसी ने भी संसद के नए भवन में महिला आरक्ष्ज्ञण विधेयक बिना देरी के पास किए जाने की मांग रखी है।
पीएम मोदी ने दिया ऐतिहासिक भाषण
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में ऐतिहासिक भाषणा दिया। उन्होंने पंडित नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक को याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा, देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आज़ादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली। यह सही है कि इस इमारत (पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे।
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