PM degree: क्या पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री फर्जी है? जानिए गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा

PM degree: अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी को अनपढ़ बताया तो गुजरात हाईकोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। क्या पीएम मोदी की डिग्री फर्जी है, जानिए गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा?

PM degree: अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी को अनपढ़ बताने में जुटे हैं और वो ऐसा करने में जैसे शब्दों का इस्तेमाल पीएम के लिए करते हैं। वो बेहद सतही दिखता है। पीएम मोदी की डिग्री पर लगातार सवाल उठा रहे केजरीवाल को झटका गुजरात हाईकोर्ट से मिला है। हाई कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वजह है पीएम मोदी की डिग्री के बारे जानकारी सार्वजनिक तौर पर मौजूद होने के बावजूद मुद्दे को कानूनी पेंच में उलझाने का।

पिछले कई हफ्तों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बेचैनी कई गुना बढ़ी है। अब ये 2024 में बड़ा दांव खेलने की चाहत है या फिर अपने मंत्रियों के एक-एक कर जेल जाने से वो आहत हैं। केजरीवाल जाने लेकिन ये सच है हाल के दिनों में केजरीवाल ने सबसे ज्यादा तीखे और स्तरहीन हमले देश के चुने हुए प्रधानमंत्री के लिए किए हैं।

देश के प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर जो पूरा वितंडा रचा गया। दीवारों से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में जो गप और रंग चढ़ाया गया। उसका जवाब गुजरात हाईकोर्ट ने दे दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगाए 25 हजार के जुर्माने के साथ, अब आप कहेंगे जुर्माना क्यों तो ये आपको आगे बताएंगे। पहले मोदी की डिग्री देखने को लेकर बेकरार केजरीवाल और उनके अलमबरदारों को ये पीएम मोदी की ये डिग्री देखनी चाहिए।

नाम से लेकर तारीख और वर्ष तक आसानी से पढ़ा जा सकता है लेकिन बात नैतिकता की है। उस महीन मर्यादा की है। जो कम से कम मुख्यमंत्री पद पर बैठे किसी शख्स की गरिमा के मुताबिक नहीं दिखती। ये हम नहीं कह रहे बल्कि गुजरात हाईकोर्ट की उस टिप्पणी का भावार्थ है। जो पीएम मोदी की एमए की डिग्री सार्वजनिक करने को लेकर डाली गई याचिका को खारिज करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने कहा।

गुजरात हाईकोर्ट का फैसला

गुजरात हाई कोर्ट ने इसे तुच्छ और भ्रामक पिटिशन करार दिया। इतना ही नहीं केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें RTI के तहत डिग्री देने की बात कही गई थी। लेकिन जैसे ही कोर्ट ने केजरीवाल पर जुर्माना ठोका, केजरीवाल ने विक्टिम कार्ड खेल दिया। और फौरन एक ट्वीट किया।

केजरीवाल का ट्वीट

क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का जबरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।

ऐसा लगता है जैसे सीएम केजरीवाल सियासी तौर पर खुद को पीएम मोदी के विकल्प के तौर पर पेश करने को लेकर बेचैन हैं। ये बेचैनी आज की नहीं है बल्कि 2014 की है। जब पहली बार मोदी के खिलाफ केजरीवाल ने बनारस में ताल ठोकी थी और उनकी बुरी तरह हार हुई थी। खास बात ये है कि तब भी पीएम मोदी ने अपनी पढ़ाई का जिक्र अपने एफिडेविट में किया था और 2019 में भी मोदी ने एफिडेविट में अपनी डिग्रियों का जिक्र किया था।

लेकिन बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ अरसे से पीएम मोदी को अनपढ़ बताने में जुटे हैं और लोगों को ये समझा रहे हैं कि अनपढ़ या कम पढ़े लिखे पीएम देश के लिए सही नहीं है। वास्तविकता ये है कि सबकुछ दुरुस्त होने के बाद भी केजरीवाल पीएम मोदी के डिग्री के मसले पर लगातार भ्रम फैलाते रहे। केजरीवाल पर जुर्माना इसलिए लगा क्योंकि उन्होंने जानबूझ कर उस मामले को खींचा, जानबूझ कर ऐसे मामले को कानूनी प्रक्रिया में उलझा दिया, जो कोई मुद्दा ही नहीं था।

पीएम मोदी की डिग्री जानने के लिए RTI

पीएम मोदी की डिग्री ऐसा ही मामला था, जिस पर केजरीवाल ने गुजरात यूनिवर्सिटी में आरटीआई लगाई थी। इसी मामले में CIC ने ऑर्डर दिया था कि पीएम मोदी की डिग्री दिखाई जाए। जबकि गुजरात यूनिवर्सिटी ने पीएम मोदी की डिग्री वेबसाइट पर अपलोड कर दी थी। लेकिन सैद्धांतिक तौर पर CIC के ऑर्डर को चैलेंज करने के लिए गुजरात यूनिवर्सिटी हाई कोर्ट गई, क्योंकि वो RTI एक्ट के दायरे में नहीं आती।

अब जब गुजरात हाईकोर्ट से फैसला आया तो CIC के ऑर्डर को खारिज कर दिया गया और केजरीवाल पर भी जुर्माना लगा दिया गया, क्योंकि केजरीवाल भी इस केस में पार्टी थे। जब किसी कोर्ट को लगता है कि कोई मुद्दा जानबूझ कर अपने उद्देश्यों के लिए कानूनी प्रक्रिया में उलझाया गया है तब इस तरह का जुर्माना लगाया जाता है और यही केजरीवाल के साथ हुआ।

पीएम की डिग्री पर क्या कहा गुजरात हाईकोर्ट ने ?

यूनिवर्सिटी ने 9 मई 2016 को पीएम मोदी की डिग्री वेबसाइट पर अपलोड कर दी थी। इससे साबित होता है कि जानकारी छुपाने का कोई इरादा नहीं था। यहां तक कि सॉलिसिटर जनरल ने यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से ये सुनिश्चित कर लिया था और कोर्ट को बता दिया था कि पीएम मोदी की डिग्री यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद है। इसके बावजूद अपने उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को खींचा। दरअसल पीएम मोदी की डिग्रियां मांगने और दिखाने का शिगूफा कोई और नहीं बल्कि सुर्खियों बने रहने का लगता है। 2016 में केजरीवाल ने इस शिगूफे को छेड़ा था।

तो क्या गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल का डिग्री राग बंद होगा? जो भी हो पर लोकतांत्रिक तौर पर चुने गए देश के प्रधानमंत्री जैसे शब्दों और लफ्जों का इस्तेमाल डिग्री के बहाने केजरीवाल ने अब तक किया है। वो राजनीति की केजरीवाल नीति को रिफ्लेक्ट करती है और भारतीय राजनीतिक परंपरा में ऐसे शब्दों और लहजे का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से हर बार दिया देश की जनता ने दिया है। कम से कम मोदी के केस में तो ऐसा 2014 और 2019 दोनों में हुआ है।

केजरीवाल पर जुर्माना

अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ अरसे से पीएम मोदी को अनपढ़ बताने में जुटे हैं और लोगों को ये समझा रहे हैं कि अनपढ़ या कम पढ़े लिखे पीएम देश के लिए सही नहीं है। लेकिन आज खुद अरविंद केजरीवाल की समझदारी पर सवाल उठ गए, क्योंकि पीएम मोदी की डिग्री से जुड़े मामले में केजरीवाल पर गुजरात हाईकोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना लगा दिया।

गुजरात हाईकोर्ट ने पीएम मोदी की डिग्री को लेकर Central Information Commission के 7 साल पुराने आदेश को खारिज कर दिया। CIC ने गुजरात यूनिवर्सिटी को आदेश दिया था कि RTI के तहत वो पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी अरविंद केजरीवाल को दे लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने CIC के आदेश को रद्द कर दिया और अरविंद केजरीवाल पर जुर्माना लगा दिया।

पीएम मोदी की डिग्री के मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले में लिखा है कि यूनिवर्सिटी ने 9 मई 2016 को पीएम मोदी की डिग्री वेबसाइट पर अपलोड कर दी थी। इससे साबित होता है कि जानकारी छुपाने का कोई इरादा नहीं था। इसके बावजूद अपने उद्देश्यों के लिए इस मुद्दे को खींचा।

हाईकोर्ट के फैसले में दूसरी बड़ी बात ये लिखी गई है कि यूनिवर्सिटी सालों से कई लाख छात्रों को कई लाख डिग्रियां दे चुकी हैं। अगर डिग्री दिखाने के आदेश पर रोक नहीं लगी तो किसी दूसरे की डिग्री की जानकारियां लेने की बाढ़ आ जाएगी।

हाईकोर्ट के फैसले में लिखा गया है कि यहां तक कि इस केस की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से ये सुनिश्चित कर लिया था और कोर्ट को बता दिया था कि पीएम मोदी की डिग्री यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited