PM Modi in Ayodhya: आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं- दीपोत्सव कार्यक्रम को शुरू कर बोले पीएम

PM Modi in Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राम जन्मभूमि पर रामलला की पूजा अर्चना की। 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद यह उनकी पहली अयोध्या यात्रा है। दीपोत्सव समारोह के लिए अयोध्या पहुंचने के तुरंत बाद, पीएम अस्थायी राम मंदिर गए और राम लला की पूजा की।

PM Modi in Ayodhya: पीएम मोदी दिवाली की पूर्व संध्या यानि कि छोटी दिवाली के अवसर पर अयोध्या में हैं। इस दौरान उन्होंने दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। अयोध्या पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने भगवाम राम की पूजा-अर्चना की और राम मंदिर के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया।

इसके बाद पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या के डीएनए में भगवान राम हैं। भगवान राम किसी को नहीं छोड़ते हैं। अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति है। वहीं दीपोत्सव कार्यक्रम को शुरू करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं, आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा- "श्री रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक, ये सौभाग्य रामजी की कृपा से ही मिलता है। जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं। आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं।"

आगे पीएम मोदी ने कहा कि आज हमें उस संकल्प को दोहराना है जो हमने लाल किले से लिया था। उन्होंने कहा- "लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंच प्राणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य। आज अयोध्या नगरी में, दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है, श्रीराम से सीखना है।"

पीएम मोदी ने आगे भगवान राम को लेकर कहा कि भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है। राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते। राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते। इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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