हताश हो चुका है विपक्ष, INDIA नाम तो इंडियन मुजाहिदीन ने भी लगाया है...पीएम मोदी का तीखा हमला

बीजेपी की बैठक में पीएम ने कहा कि इंडिया नाम लगा लेने से ही नहीं हो जाता। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इंडिया लगाया था और इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम में भी इंडिया लगा है।

BJP meeting

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PM Modi Attacks Oppostion: संसद में गतिरोध के बीच विपक्षी दलों और बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। बीजेपी सांसदों की बैठक में आज पीएम मोदी ने विपक्ष पर सीधा हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष दिशाहीन है। पीएम ने कहा कि मौजूदा समय का विपक्ष हताश हो चुका है और लगता है कि वह मन बना चुका है कि विपक्ष में ही रहना है। पीएम ने विपक्ष के इंडिया नाम पर भी कटाक्ष किया। पीएम ने कहा कि इंडिया नाम लगा लेने से ही नहीं हो जाता। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इंडिया लगाया था और इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम में भी इंडिया लगा है।

पीएम ने बताया सबसे दिशाहीन गठबंधन

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) को देश का अब तक का सबसे दिशाहीन गठबंधन करार दिया और ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। बैठक में मौजूद कई सूत्रों ने कहा कि मोदी ने संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्ष की आलोचना की और भरोसा जताया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को लगातार तीसरा कार्यकाल मिलना तय है।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष के हताश और निराश व्यवहार का उल्लेख किया और कहा कि उसके इस रुख से यह दिखाई पड़ता है कि उसने आने वाले कई वर्षों तक विपक्ष में रहने का निर्णय लिया है। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ (गठबंधन) नाम के बैनर तले लामबंद होने के बीच प्रधानमंत्री ने देश के नाम का इस्तेमाल करने वाले कुछ प्रतिबंधित चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों सहित कुछ अन्य संगठनों के इतिहास का हवाला दिया और समूह को भ्रष्ट नेताओं और पार्टियों का गठबंधन बताया।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने कहा कि यहां तक कि मुख्य विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम भी एक अंग्रेज ए ओ ह्यूम ने रखा था। सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि जो संगठन शासन करना चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं, जो इसे विभाजित करना चाहते हैं, उन्होंने लोगों को गुमराह करने के लिए भारत और भारतीय जैसे नामों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि लोग अब परिपक्व हो गए हैं और इस तरह के नामकरण से गुमराह नहीं होंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने (प्रधानमंत्री) एक बहुत बड़ी टिप्पणी की। इंडियन नेशनल कांग्रेस एक अंग्रेज ने बनायी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी भी अंग्रेजों ने बनाई थी। आज कल लोग इंडियन मुजाहिद्दीन और इंडियन पीपुल्स फ्रंट भी नाम रखते हैं...तो चेहरे पर चेहरे चढ़ा लेते हैं, सच्चाई कुछ और है। भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, उनके पास भी ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम हैं, लेकिन लोग इन हथकंडों से गुमराह नहीं होंगे।

इंडिया पार्टियों ने भी की बैठक

उधर, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने संसद के मौजूदा मानसून सत्र में सरकार को घरने की आगे की रणनीति पर मंगलवार को चर्चा की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खरगे के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टीआर बालू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज झा और कई अन्य नेता शामिल हुए।
विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद के भीतर वक्तव्य देने और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले तीन दिन दोनों सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई थी। मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वह चर्चा होने दे और सच्चाई सामने आने दे।
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो गत बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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