एक भारत, श्रेष्ठ भारत से लेकर परिवारवाद और संविधान सम्मान तक… PM मोदी ने संसद में रखे 11 संकल्प

PM Narendra Modi in Lok Sabha: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए 11 संकल्प रखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक इतिहास दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत रहा है इसलिए हम लोकतंत्र की जननी हैं।

पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान रखे 11 संकल्प

PM Narendra Modi in Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का लोकतांत्रिक इतिहास दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत रहा है इसलिए हम लोकतंत्र की जननी हैं। पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि माननीय सभापति जी हम सभी के लिए और देश के सभी नागरिकों के लिए, यह न केवल हमारे लिए बल्कि दुनिया भर में लोकतंत्र को महत्व देने वाले नागरिकों के लिए भी गर्व का क्षण है। यह लोकतंत्र के उत्सव और हमारे संविधान की 75 साल की यात्रा एक उल्लेखनीय यात्रा और दुनिया के सबसे बड़े और महान लोकतंत्र की यात्रा का जश्न मनाने का एक शानदार अवसर है। इस यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता और योगदान है और उन्हीं की दूरदर्शिता से हम प्रगति कर रहे हैं। इन 75 वर्षों के पूरे होने पर यह उत्सव का क्षण है और मुझे खुशी है कि संसद भी इस उत्सव में भाग लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रही है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं इस सदन के पवित्र मंच से 11 संकल्प सदन के सामने रखना चाहता हूं...

  1. चाहे नागरिक हो या सरकार हो... सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।
  2. हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो।
  3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो।
  4. देश के कानून, देश के नियम, देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए, गर्व का भाव हो।
  5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
  6. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
  7. संविधान का सम्मान हो, राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए।
  8. संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है उसको न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।
  9. महिला नेतृत्व विकास में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने।
  10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास ये हमारा विकास का मंत्र हो।
  11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो।

भारत के नागरिक संविधान निर्माताओं के आदर्शों पर रहे कायम- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की 75 वर्ष की यह उपलब्धि सामान्य नहीं है, बल्कि यह असाधारण है। जब देश को आजादी मिली तो भारत के लिए जो संभावनाएं सोची गई, वे अपार थी और तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारा संविधान हमें वहां ले आया, जहां हम आज हैं। इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए मैं न केवल संविधान निर्माताओं को बल्कि देश के उन करोड़ों नागरिकों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं, जिन्होंने इस भावना को, इस नई व्यवस्था को जिया और अपनाया है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारत के नागरिक संविधान निर्माताओं के आदर्शों पर कायम रहे हैं और इसलिए भारत के नागरिक अभिनंदन के अधिकारी हैं। भारत का लोकतांत्रिक इतिहास दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत रहा है इसलिए हम लोकतंत्र की जननी हैं। हमारे संविधान निर्माता जानते थे कि भारत का जन्म 1947 में नहीं हुआ था, वे भारत की महान विरासत के बारे में सब जानते थे।

PM Modi in Lok Sabha.

उन्होंने नारी शक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि जब जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ तो हमने संविधान की भावना को आगे बढ़ाया क्योंकि हम इसके मूल्यों पर जीने वाले लोग हैं। भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान हमने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का विचार दुनिया के सामने रखा। महिलाओं के विकास के माध्यम से प्रगति की आवश्यकता विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण है। इसलिए हमने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर चर्चा शुरू की और इसे अंजाम तक पहुंचाया। इतना ही नहीं बल्कि हम सभी सांसदों ने भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर नारी शक्ति बंधन अधिनियम पारित किया।

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