जब बोहरा मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रम में रोटियां बेलने लगे PM मोदी, पुरानों रिश्तों को किया बखूबी से याद
PM Modi: मौका मुंबई में दाउदी बोहरा समुदाय के शिक्षा केंद्र अल्जमीया-तुस-सैफियाह अरबी के उद्घाटन का था और पीएम मोदी इस मौके पर पहुंचे। मोदी के सबका साथ सबका विकास का मंत्र का रिफ्लेक्शन वास्तव में बोहरा मुस्लिम समुदाय के संकल्प और संतुलित प्रयासों में दिखता है...साथ मिलकर चलने का साथ देश को आगे बढ़ाने का ये संकल्प नया नहीं है।
पीएम मोदी ने शुक्रवार मुंबई में अलजामी-तुस-सैफियाह अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया। ये एकेडमी बोहरा मुस्लिम समुदाय (Dawoodi Bohra community) से ताल्लुक रखती है जो अपनी खास संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी (Narendra Modi) का बोहरा समुदाय से जुड़ाव काफी पुराना है जिसका जिक्र उन्होंने अपने संबोधन में भी किया..पीएम ने कहा कि सैफी एकेडमी समुदाय की सीखने की परंपराओं और साक्षरता संस्कृति की रक्षा के लिए काम कर रही है। पीएम मोदी के साथ महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस मौजूद थे। धर्मगुरू मुफद्दल सैफुद्दीन ने पीएम मोदी की अगुवाई की।संबंधित खबरें
है बोहरा समुदाय से खास रिश्ताइसके बाद बोहरा समुदाय के धर्मगुरू मुफद्दल सैफुद्दीन का हाथ पकड़े पीएम मोदी उस हॉल में दाखिल हुए जहां मुख्य कार्यक्रम था। बस नीचे दी गईं तस्वीरें देख लीजिए पीएम मोदी और दाउदी बोहरा समाज से उनके जुड़ाव की पूरी कहानी बयां हो जाएगी। पीएम के साथ दाउदी बोहरा मुस्लिम समाज के गुरू मुफद्दल सैफुद्दीन थे जिनका हाथ थामे मोदी आगे रहे। इस कार्यक्रम में दोनों ने रोटियां बेल कर एक परंपरा निभाई और इस मौके पर पीएम मोदी ने बोहरा मुस्लिम समाज के साथ अपने पुराने रिश्तों को भी बखूबी याद किया। पीएम मोदी ने कहा आप के बीच आना मेरे लिए परिवार के बीच आने जैसा होता है और चारो पीढ़ी मेरे घर आई है।
वोटबैंक की सियासत ने भले मुस्लिमों को एकवोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया हो लेकिन मोदी का बोहरा मुस्लिम समाज से जुड़ाव राजनीति से ज्यादा पारिवारिक रहा है। इसकी एक बड़ी वजह ये भी रही है बोहरा मुस्लिम कम्यिुनिटी अपनी पहचान को बरकरार रखते हुए नए के साथ बेहतरीन तालमेल के लिए जानी जाती है। दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग अभी दुनिया के करीब 40 देशों में हैं लेकिन इनकी सबसे ज्यादा आबादी भारत में ही है।संबंधित खबरें
कहां-कहां बोहरा समुदाय के लोग?
भारत में दाऊदी बोहरा मुख्य रूप से गुजरात में सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, जामनगर, राजकोट, नवसारी, दाहोद, गोधरा, महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे, नागपुर औरंगाबाद, राजस्थान में उदयपुर, भीलवाड़ा, मध्य प्रदेश में इंदौर, बुरहानपुर, उज्जैन, शाजापुर के अलावा कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू और हैदराबाद में भी बसे हैं। एक नैरेटिव जो देश के भीतर और बाहर पीएम मोदी के लिए गढ़ा जाता रहा है। उसका मजबूत जवाब हैं ये तस्वीरें और वो भावुक क्षण जिसका जिक्र बोहरा मुस्लिम समाज के साथ पीएम मोदी भरे मंच से करते हैं। दरअसल इसकी बड़ी वजह है। बोहरा मुस्लिम समुदाय की खासियत नए और पुराने के साथ कमाल का सामंजस्य बिठाते हुए बोहरा मुस्लिम समुदाय विकास और धर्म का सबसे बड़ा सिंबल है और यही मंत्र मोदी का भी है।संबंधित खबरें
भारतीय संस्कृति का हिस्सा 'बोहरा' बोहरा गुजराती शब्द 'बहौराउ' का अपभ्रंश है जिसका अर्थ होता है व्यापार। यह समुदाय मुस्ताली मत का हिस्सा है जो धर्म प्रचारकों के ज़रिए ग्यारहवीं शताब्दी में उत्तरी मिस्र से भारत पहुंचा. इस समय भारत में बोहरा समुदाय की कुल आबादी लगभग 20 लाख है, जिसमें 12 लाख से ज्यादा दाऊदी बोहरा हैं और बाकी आठ लाख में अन्य शाखाओं के बोहरा शामिल हैं। ज़ाहिर है मोदी के खिलाफ एंटी मुस्लिम नैरेटिव गढ़ने वालों के लिए पीएम मोदी का कार्यक्रम में पहुंचना चुनावी पैंतरा हो सकता है। लेकिन सच ये है कि मोदी का बोहरा मुस्लिम समुदाय से ये जुड़ाव तभी था जब वो गुजरात के सीएम थे और तब भी है जब वो देश की बागडोर संभाल रहे हैं।
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किशोर जोशी author
राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह ट...और देखें
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