Mann ki Baat: 'देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं, उन्हें तलाशने और तराशने की जरूरत...' मन की बात में बोले PM Modi

Mann ki Baat: मन की बात का यह 103वां एपिसोड है। हर महीने के आखिरी रविवार को इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है। पीएम मोदी इस रेडिया कार्यक्रम के जरिए ठीक 11 बजे देश को संबोधित करते हैं।

मन की बात

Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, जुलाई का महीना यानि मानसून का महीना, बारिश का महीना है। बीते कुछ दिन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण, चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। लेकिन, इन आपदाओं के बीच, हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। पीएम मोदी ने कहा, स्थानीय लोगों ने, हमारे NDRF के जवानों ने, स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है।
पीएम मोदी ने कहा, किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है, लेकिन इसके साथ ही, हमारी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हाथ थामने की भावना, उतनी ही अहम होती है। सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान भी है और भारत की ताकत भी है। साथियों, बारिश का यही समय वृक्षारोपण और जल संरक्षण के लिए भी उतना ही जरुरी होता है।

शुरू होगा मेरी माटी-मेरा देश अभियान

पीएम मोदी ने कहा, देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों के सम्मान के लिए देश में एक बड़ा अभियान 'मेरी माटी मेरा देश' शुरू होने जा रहा है। इस अभियान के दौरान 'अमृति कलश यात्रा' निकाली जाएगी, जो देश के विभिन्न कोनों और गांवों से 7,500 कलशों में मिट्टी और पौधे लेकर दिल्ली पहुंचेगी। इन कलशों में ले जाई जा रही मिट्टी और पौधों से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास 'अमृत वाटिका' बनाई जाएगी।

50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों पर चल रहा काम

पीएम मोदी ने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने काह, एमपी के शहडोल में पकरिया गांव के आदिवासियों ने प्रशासन की मदद से करीब सौ कुओं को Water Recharge System में बदल दिया है। बारिश का पानी, अब इन कुओं में जाता है, और कुओं से ये पानी, जमीन के अंदर चला जाता है, इससे इलाके में भू-जल स्तर भी धीरे-धीरे सुधरेगा। पीएम मोदी ने कहा, ऐसे प्रयास जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के भी बड़े उदाहरण हैं। मैं चाहूंगा कि हम सब भी पेड़ लगाने और पानी बचाने के इन प्रयासों का हिस्सा बनें।
End Of Feed