Mann Ki Baat: आपातकाल, आपदा प्रबंधन और टीबी मुक्त भारत... पढ़ें PM Modi के संबोधन की 10 बड़ी बातें
Mann Ki Baat updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का प्रसारण हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे किया जाता है। इस बार इस कार्यक्रम का प्रसारण पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के कारण एक सप्ताह पहले ही किया गया।
मन की बात कार्यक्रम के 102वें एपिसोड में नरेंद्र मोदी
Mann Ki Baat updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। यह पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम का 102वां एपिसोड था। मन की बात का प्रसारण हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे किया जाता है। इस बार इस कार्यक्रम का प्रसारण पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के कारण एक सप्ताह पहले ही किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मैं जब भारत के सामान्य मानवी के प्रयास, उनकी मेहनत, उनकी इच्छाशक्ति को देखता हूं, तो खुद अपने आप अभिभूत हो जाता हूं। बड़े से बड़ा लक्ष्य हो कठिन-से-कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है। आगे पढ़िए पीएम के संबोधन की प्रमुख बातें...
1. भारत ने आपदा प्रबंधन की ताकत विकसित की
पीएम मोदी ने कहा, Cyclone Biparjoy (बिपरजॉय) ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया, लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक Cyclone का मुक़ाबला किया, वो भी उतना ही अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का जोर नहीं होता, लेकिन बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। पीएम ने कहा, प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण। आजकल, मानसून के समय में तो इस दिशा में हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसीलिए आज देश, Catch the Rain जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।
2. नदी-सरोवर जल स्त्रोत नहीं, बल्कि जीवन के रंग
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, नदी, नहर, सरोवर, ये केवल जल-स्त्रोत ही नहीं होते हैं, बल्कि इनसे, जीवन के रंग और भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। ऐसा ही एक दृश्य अभी कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र में देखने को मिला। उन्होंने कहा, जब प्रबंधन की बात हो रही है, तो मैं आज छत्रपति शिवाजी महाराज को भी याद करूंगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनकी Governance और उनके प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पीएम मोदी ने कहा, इस महीने की शुरुआत में ही छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर को एक बड़े पर्व के रूप में मनाया जा रहा है | इस दौरान महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में इससे जुड़े भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह हम सबका कर्तव्य है कि इस अवसर पर हम छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रबंध कौशल को जानें, उनसे सीखें। इससे हमारे भीतर, हमारी विरासत पर गर्व का बोध भी जगेगा, और भविष्य के लिए कर्तव्यों की प्रेरणा भी मिलेगी।
3. 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य
पीएम ने कहा, जब नीयत साफ हो, प्रयासों में ईमानदारी हो तो फिर कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं रहता। भारत ने संकल्प किया है 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना है। जन-भागीदारी ही टीबी मुक्त भारत अभियान की सबसे बड़ी ताकत है। भारत को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम में हमारे बच्चे और युवा साथी भी पीछे नहीं हैं।
4. धरा को हरा-भरा बनाने के लिए मियावाकी पद्धति को जाने देश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम भारतवासियों का स्वभाव होता है कि हम हमेशा नए विचारों के स्वागत के लिए तैयार रहते हैं। हम अपनी चीज़ों से प्रेम करते हैं और नई चीज़ों को आत्मसात भी करते हैं। मियावाकी जंगलों को किसी भी जगह, यहां तक कि शहरों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। कुछ समय पहले ही मैंने गुजरात में केवड़िया, एकता नगर में, मियावाकी जंगल का उद्घाटन किया था। कच्छ में भी 2001 के भूकंप में मारे गए लोगों की याद में मियावाकी पद्धति से स्मृति वन बनाया गया है। कच्छ जैसी जगह पर इसका सफल होना ये बताता है कि मुश्किल से मुश्किल प्राकृतिक परिवेश में भी ये तकनीक कितनी प्रभावी है। उन्होंने कहा, मुझे पता चला है कि लखनऊ के अलीगंज में भी एक मियावाकी उद्यान तैयार किया जा रहा है। पिछले चार साल में मुंबई और उसके आस-पास के इलाकों में ऐसे 60 से ज्यादा जंगलों पर काम किया गया है। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि मैं देशवासियों से खासकर शहरों में रहने वाले लोगों से आग्रह करूंगा कि वे मियावाकी पद्धति के बारे में जरुर जानने का प्रयास करें। इसके जरिए आप अपनी धरती और प्रकृति को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने में अमूल्य योगदान दे सकते हैं।
5. बारामूला की डेयरी इंडस्ट्री सामूहिक इच्छाशक्ति की गवाह
मन की बात में पीएम ने कहा, आजकल हमारे देश में जम्मू-कश्मीर की खूब चर्चा होती है। कभी बढ़ते पर्यटन के कारण, तो कभी G20 के शानदार आयोजनों के कारण। उन्होंने कहा, अब जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है। बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी। बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया, यहां की dairy industry इस बात की गवाह है कि हमारे देश का हर हिस्सा कितनी संभावनाओं से भरा हुआ है। किसी क्षेत्र के लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति कोई भी लक्ष्य प्राप्त करके दिखा सकती है।
6. खिलाड़ी जितना खेलेंगे, उतना खिलेंगे
पीएम मोदी ने कहा, इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई बड़ी खुशखबरी आई है। यही हमारे युवाओं की असली ताकत है। ऐसे कितने ही खेल और प्रतियोगिताएं हैं, जहां आज भारत पहली बार अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है। उन्होंने कहा, इंटरनेशनल आयोजनों में देश की इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत होती है। आज, देश के अलग-अलग राज्यों में एक नए उत्साह के साथ खेलों के आयोजन होते हैं। उन्होंने कहा, अभी उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हुआ। इसमें युवाओं में खूब उत्साह और जोश देखने को मिला। इन खेलों में हमारे युवाओं ने ग्यारह रिकॉर्ड तोड़े हैं। हमारे खिलाड़ी जितना खेलेंगे, उतना ही खिलेंगे |
7. 21 जून, योग से जुड़ने बेहतरीन मौका
21 जून यानी योग दिवस को पीएम मोदी ने मन की बात में शामिल किया। उन्होंने कहा, इस वर्ष योग दिवस की थीम है – Yoga For Vasudhaiva Kutumbakam यानि ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग। यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर भी, योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है। मेरा सभी से आग्रह है कि योग को अपने जीवन में जरुर अपनाएं, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। अगर अब भी आप योग से नहीं जुड़े हैं तो आने वाली 21 जून, इस संकल्प के लिए बहुत बेहतरीन मौका है।
8. रथयात्रा की पूरी दुनिया में विशिष्ट पहचान
पीएम मोदी ने कहा, 20 जून को ऐतिहासिक रथयात्रा का दिन है। रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है। इन रथयात्राओं में जिस तरह देश भर के हर समाज, हर वर्ग के लोग उमड़ते हैं वो अपने आपमें बहुत अनुकरणीय है। ये आस्था के साथ ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी प्रतिबिम्ब होती है। मेरी कामना है, भगवान जगन्नाथ सभी देशवासियों को अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें। "
9. इमरजेंसी, भारत के इतिहास का काला दौर
पीएम मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं। इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने इमरजेंसी का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है। उन्होंने कहा, आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
10. बारिश में रखें सेहत का ध्यान
पीएम मोदी ने कहा, बारिश का समय है, इसलिए अपने स्वास्थ्य का खूब ध्यान रखिये। संतुलित खाईये और स्वस्थ रहिये। इस दौरान उन्होंने योगा जरूर करने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा, अब कई स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां भी खत्म होने को है। ऐसे में मैं बच्चों से भी कहूंगा कि अपने होमवर्क को आखिरी दिन के लिए पेंडिंग ना रखें। काम खत्म करिए और निश्चिंत रहिए।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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