Diwali: जिस बच्चे को 2001 में मोदी ने दी थी शिल्ड, आज वो मेजर बन PM के आ गया सामने; देखिए फोटो
Diwali: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को अपने "परिवार" के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि वह उनके बिना बेहतर दिवाली नहीं मना सकते थे। उन्होंने उनकी बहादुरी की भी प्रशंसा की और कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई युद्ध नहीं हुआ है जहां कारगिल ने जीत नहीं देखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कारगिल में मेजर अमित से मुलाकात की
सोमवार को जब पीएम मोदी दीवाली मनाने के लिए कारगिल पहुंचे तो वहां उनसे एक ऐसे सैनिक ने मुलाकात की जो उनसे 22 साल पहले मिल चुका था। पीएम को जब वो मिले तो पीएम भी आश्चर्यचकित रह गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कारगिल में भारतीय सेना के एक मेजर अमित से मुलाकात की। इसी अमित से पीएम 22 साल पहले भी मिल चुके थे। तब उन्होंने मेजर अमित को पुरस्कार भी दिया था। पीएम ने 2001 में मेजर अमित से मुलाकात की थी, जब वो गुजरात के बालाचडी के एक सैनिक स्कूल में छात्र थे।
इसके बाद वो 22 साल बाद फिर से मिले, लेकिन इस बार मुलाकात कारगिल में हुए। मेजर अमित ने 2001 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार प्राप्त करते हुए अपनी तस्वीर भी पीएम मोदी को दी।
बता दें कि हर साल की भांति इस साल भी पीएम मोदी सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाने के लिए कारगिल पहुंचे थे। दीवाली पर यहां सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने 1999 में कारगिल संघर्ष के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा को भी याद किया। उन्होंने कहा- "पाकिस्तान के साथ एक भी ऐसा युद्ध नहीं हुआ है जब कारगिल ने जीत का झंडा नहीं फहराया है।" उन्होंने कहा कि दिवाली "आतंक के अंत के उत्सव" का प्रतीक है।
पीएम ने आगे कहा कि शक्ति के बिना शांति प्राप्त करना असंभव है, यहां तक कि उनकी सरकार ने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प माना है। पीएम मोदी ने कहा- "हमने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प माना है। चाहे वह लंका में हो या कुरुक्षेत्र में, अंत तक इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। हम विश्व शांति के पक्ष में हैं।"
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