Kuno National Park: 2 चीतों को छोड़ा गया कुनो नेशनल पार्क में, पीएम ने ट्वीट कर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से सितंबर के मध्य में लाकर कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में अलग छोटे बाड़े में रखे गये आठ चीतों में से दो को बड़े बाड़े में स्थानांतरित करने को ‘‘अच्छी खबर'' बताया है

कूनो के बड़े बाड़े में छोड़े गए दो चीते

New Delhi: नामीबिया (Namibia) से सितंबर के मध्य में लाकर मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) में क्वारंटीन अवधि के लिए छोटे बाड़े में रखे गए आठ चीतों में से दो को शनिवार को बड़े बाड़े में स्थानांतरित किया गया। पीएम मोदी (Narendra Modi) ने सभी आठ चीतों के स्वस्थ, सक्रिय और अच्छी तरह से समायोजित होने पर खुशी व्यक्त की। कुनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP)के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) बाकी छह चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा।

PM Modi ने किया ट्वीटविशेषज्ञों के अनुसार आमतौर पर जंगली जानवरों को स्थानांतरण से पहले और बाद में एक महीने के लिए पृथकवास में रखा जाता है, ताकि वे दूसरे देश से अपने साथ लाए किसी संक्रमण को फैला न दें। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा, 'बढ़िया खबर! मुझे जानकारी दी गयी है कि अनिवार्य क्वारंटाइन के बाद, 2 चीतों को कुनो प्राकृतिक-वास में और अनुकूलन के लिए एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। अन्य चीतों को भी जल्द ही उस बाड़े ने छोड़ दिया जाएगा। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई कि सभी चीते स्वस्थ हैं, सक्रिय हैं और अच्छी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं।'

पांच नवंबर को पूरे हुए पचास दिनइससे पहले अधिकारी ने बताया कि बड़ा बाडा पांच वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि अंतत: आठों चीतों (पांच मादा और तीन नर) को बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। चीतों को भारत में बसाने की योजना के तहत नामीबिया से 17 सितंबर को केएनपी लाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चीतों को बाड़ों में छोड़ा था। पांच नवंबर को इनके यहां 50 दिन पूरे हो गए है। शुरुआती योजना के तहत फ्रेडी, एल्टन, सवाना, सशा, ओबान, आशा, चिबिली और साईसा नामक इन चीतों को एक महीने तक पृथकवास में रखा गया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

End Of Feed