PM Modi in Rajya Sabha LIVE: मैंने एजेंसियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दे रखी है, सरकार टांग नहीं अड़ाएगी, बोले पीएम मोदी

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा पर जवाब देने के लिए पीएम मोदी ने राज्यसभा में संबोधन किया। मंगलवार को पीएम मोदी ने लोकसभा में चर्चा का जवाब दिया था। इस दौरान उन्होंने अग्निवीर योजना सहित कई मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया था। आज राज्यसभा में उन्होंने क्या-क्या कहा जानिए।

Modi in rajyasabha.

पीएम मोदी

PM Modi in Rajya Sabha: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा पर आज पीएम मोदी ने अपना जवाब दिया। आज पीएम मोदी जब संबोधन कर रहे थे, तब विपक्ष लगातार हंगामा करते हुए नारेबाजी करता रहा। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट भी कर दिया। प्रधानमंत्री जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ से कुछ कहने की अनुमति मांगी। आसन की ओर से यह अनुमति नहीं दिये जाने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे।

क्या-क्या कहा पीएम मोदी ने पढ़ें

  • 60 साल के बाद हुआ है कि 10 साल के बाद किसी सरकार की फिर से वापसी हुई है। ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मोहर है ही लेकिन इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है। क्योंकि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण उन्होंने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है।
  • कुछ लोग जानबूझकर अपना मुंह फेरकर बैठे रहे हैं.. कुछ लोगों को समझ नहीं आया।
  • कांग्रेस के कुछ साथियों को हदय से धन्यवाद करता हूं.. उन्होंने बार बार ढोल पीटा कि ये एक तिहाई सरकार है। हमें 10 साल हुए हैं 20 साल और बाकी हैं। उनके मुंह में घी शक्कर।
  • देश की जनता ने परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी है.. भ्रम की राजनीति को देशवासियों ने ठुकराया है।
  • देश को संविधान से अवगत कराना मकसद, संविधान की भावना हर जगह फैलनी चाहिए।
  • नई पीढ़ी की संविधान समझना होगा, कुछ लोग संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं। संविधान पर स्कूल-कॉलेजों में चर्चा हो।
  • हम पर एक-तिहाई सरकार होने का विपक्ष का आरोप सही है, क्योंकि अभी तो हमारी सरकार के 20 साल और होंगे और अब तक तो एक तिहाई ही हुआ है।
  • गरीबी के खिलाफ लड़ाई हम जीतेंगे, विकास के कार्य आगे बढ़ेंगे। अपने काम की गति और तेज करेंगे।
  • ये लोग ऐसे हैं जो ऑटो पायलट या रिमोट पायलट पर सरकार चलाने के आदी हैं। ये लोग ऑटो मोड की सरकार चाहते हैं।
  • तीसरे टर्म में हम तीन गुना स्पीड से काम करेंगे, तीन गुना शक्ति लगाएंगे और देशवासियों को तीन गुना परिणाम लाकर देंगे।
  • पिछले 10 साल तो हमारे लिए ‘एपेटाइजर’ रहे, ‘मेन कोर्स’ तो अब शुरू हुआ है।
  • विपक्ष जनादेश को पचा नहीं पा रहा है, मैदान छोड़कर भाग गया विपक्ष।
  • वैश्विक संकट आया तो हमने किसानों पर बोझ नहीं पड़ने दिया। फर्टिलाइजर पर 12 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।
  • विपक्ष की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उच्च सदन की परंपराओं को अपमानित कर रहे हैं, जनता ने इन्हें इतनी बुरी तरह पराजय कर दिया है कि इनके पास चीखने-चिल्लाने और नारेबाजी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
  • पिछले दस साल में हम किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये दे चुके हैं। कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में किसानों की कर्जमाफी के बहुत ढोल पीटे गए और उन्हें गुमराह करने का भरसक प्रयास किया गया, उनकी इस योजना का लाभ जरूरतमंद एवं छोटे गरीब किसानों तक पहुंचा ही नहीं।
  • एमएसपी समेत किसानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हम भारत में विकास का नया अध्याय गढ़ना चाहते हैं।
  • मैं कर्तव्य से बंधा हूं, मैं यहां कोई ‘स्कोर’ करने नहीं आया; देश की जनता को हिसाब देना मैं अपना कर्तव्य मानता हूं।
  • हमने अन्न भंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हाथ में लिया है, फल-सब्जी के भंडारण के लिए भी व्यापक बुनियादी ढांचे की दिशा में हम काम कर रहे हैं।
  • सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है।
  • दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित वर्ग ट्रांसजेंडर वर्ग है।
  • हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना प्रोग्रेसिव है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई।
  • पश्चिम बंगाल में महिला को सरेआम पीटा गया, लोग वीडियो बनाने में व्यस्त रहे। ये घटना बेहद दुखद और चिंताजनक। विपक्ष ने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला। तथाकथित महिला नेता भी इस पर चुप रहे। विपक्ष का सेलेक्टिव नजरिया बेहद खतरनाक। संवेदनशील मामलों पर राजनीति दुखद।
  • हार के समय दलित नेताओं को आगे करने का कांग्रेस का इतिहास रहा है। स्पीकर चुनाव में हार तय होने के बावजूद एक दलित को आगे कर दिया। इससे पहले इसी तरह मीरा कुमार को आगे किया था। सुशील शिंदे जी को भी ऐसे ही हरवाया था।
  • अगर यह लोकसभा चुनाव संविधान को बचाने के लिए था तो देशवासियों ने संविधान रक्षा के लिए हमें चुना है।
  • यूपीए सरकार के समय प्रधानमंत्री पद के ऊपर एनएसी को बैठाने की अनुमति विपक्ष को किस संविधान ने दी थी, किस संविधान ने एक सांसद को कैबिनेट के निर्णय को सार्वजनिक रूप से फाड़ने की अनुमति दी थी।
  • किस संविधान ने संवैधानिक पदों के ऊपर एक परिवार के लोगों को रखने की अनुमति दी, कांग्रेस संविधान की सबसे बड़ी विरोधी है।
  • मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मैंने एजेंसियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दे रखी है, सरकार कहीं टांग नहीं अड़ाएगी।
  • जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई एक प्रकार से अंतिम चरण में है, आतंक के बचे हुए नेटवर्क को हम सख्ती से नेस्तनाबूद करने के लिए पूरी व्यूह रचना के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
  • मणिपुर के अधिकतर हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज और दफ्तर खुल रहे हैं, राज्य में परीक्षाएं सामान्य तरीके से हुई हैं। मणिपुर में इस समय बाढ़ की स्थिति गंभीर है और आज ही एनडीआरएफ के दो दल वहां भेजे गए हैं।
  • पेपर लीक मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी कहा, राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में पेपर लीक को एक बड़ा मुद्दा बताया था। मुझे उम्मीद थी कि सभी दल दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगे। लेकिन, दुर्भाग्य से उन्होंने इतने संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दे को भी त्याग दिया, इससे जुड़ा मुद्दा युवाओं के भविष्य को राजनीति के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? मैं देश के युवाओं को विश्वास दिलाता हूं कि जिन लोगों ने आपके साथ धोखा किया है, उनको यह सरकार छोड़ने वाली नहीं है। मेरे देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिले, इन अनियमितताओं के खिलाफ हमने संसद में सख्त कानून बनाए हैं। मेरे देश के युवाओं को ऐसी स्थिति में न आना पड़े, इसके लिए हम पूरी व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।

विपक्ष ने किया हंगामा और वॉकआउट राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोलते समय विपक्षी सांसदों ने 'एलओपी को बोलने दो' के नारे लगाए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दिया गया। इसके साथ ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसे लेकर सभापति ने नाराजगी जताई। विपक्ष के बहिर्गमन को अत्यंत दर्दनाक और पीड़ादायक करार देते हुए उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने यह अनुरोध किया था कि नेता प्रतिपक्ष को चर्चा के दौरान बिना रोक-टोक, बोलने का सुअवसर दिया जाए। उन्होंने कहा, आज वे (विपक्ष) सदन को छोड़कर नहीं गये हैं, मर्यादा छोड़कर गये हैं। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है। उन्होंने आज मेरा और आपका अनादर नहीं किया है बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली गई है।

राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

राज्यसभा की बैठक को बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। उच्च सदन में राष्ट्रगीत की धुन बजाये जाने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के 264वें सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। वर्तमान सत्र में 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। उसी दिन उच्च सदन के पटल पर राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रति रखी गई। उसी रोज प्रधानमंत्री ने अपनी नयी मंत्रिपरिषद का परिचय उच्च सदन में करवाया। उच्च सदन में 28 जून को भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश कर चर्चा की शुरूआत की थी। इसके बाद उच्च सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन जुलाई तक चर्चा चली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उच्च सदन में इस चर्चा का करीब दो घंटे तक जवाब दिया।

लोकसभा में मोदी का विपक्ष पर हमला

मंगलवार को पीएम मोदी ने चर्चा का जवाब दिया था। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के हिंदू समुदाय को लेकर दिए बयानों से लेकर अग्निवीर योजना सहित कई मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया था। पीएम ने कहा था कि तीसरी बार मिले जनादेश के बाद उनकी सरकार विकास कार्यक्रमों का जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी गुट इंडिया देश को पीछे ले जाने पर आमादा है लेकिन एनडीए सरकार किसी विरोध के आगे नहीं झुकेगी।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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