भारत नहीं बदलेगा अपना स्टैंड, पीएम मोदी ने फलस्तीन के राष्ट्रपति से की बात, कहा- 'भेजते रहेंगे मदद'
PM Modi: प्रधानमंत्री ने फलस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास से कहा कि इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत के लंबे समय से जारी सैद्धांतिक रुख को कायम रखेगा और फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा। उन्होंने अल अलही अस्पताल पर हुए हमले पर चिंता जाहिर की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से गुरुवार को फोन पर बात कर गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत के लंबे समय से जारी सैद्धांतिक रुख को दोहराया। साथ ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अब्बास के साथ क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर भारत की गंभीर चिंता साझा की।
प्रधानमंत्री ने फलस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास से कहा कि भारत फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा। उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की। गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, हम फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की।
करीब 500 लोगों की हुई है मौत
बता दें, मंगलवार को गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल में हुए विस्फोट में लगभग 500 लोगों के मारे जाने की खबर है। फलस्तीनी अधिकारियों ने विस्फोट के लिए इजराइल के हवाई हमले को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन इजराइल ने कहा कि वह इसमें शामिल नहीं है और यह हादसा फलस्तीनी रॉकेट के मिसफायर होने के कारण हुआ।
हमले में शामिल लोगों को ठहराया जाए जिम्मेदार- पीएम मोदी
गाजा में एक अस्पताल पर हमले में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा था कि जारी संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर चिंता का विषय है और इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था, गाजा के अल अहली अस्पताल में लोगों की दुखद मौत से गहरा सदमा लगा है। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना। प्रधानमंत्री ने कहा था, जारी संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
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