Chandrayaan-3 Landing: द. अफ्रीका से वर्चुअली लैंडिंग इवेंट में शामिल होंगे मोदी, 2019 में पीएम से गले मिलकर रो पड़े थे के सिवन
चंद्रयान -3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) - लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान आज (बुधवार) शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला है।
पीएम मोदी देखेंगे चंद्रयान-3 लैंडिंग
Chandrayaan-3 Landing: इसरो और भारत के लिए आज का दिन बेहद अहम है। आज चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका से लैंडिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां वह 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह वर्चुअल माध्यम से इस इवेंट को देखेंगे। आज शाम 6.04 मिनट पर लैंडिंग कार्यक्रम तय है।
आज शाम को 6.04 बजे लैंडिंग
चंद्रयान -3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) - लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान आज (बुधवार) शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला है। इस उपलब्धि को हासिल करने की कोशिश कर रूसी यान लूना-25 कुछ दिन पहले ही क्रैश हुआ है। चंद्रयान-3 की सफलता भारत को अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बना देगी।
देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को कहा कि चंद्रमा पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यान की सभी प्रणालियां पूरी तरह से काम कर रही हैं और लैंडिंग के दिन किसी भी अनहोनी की आशंका नहीं है। 2019 में विफलता के बाद चंद्रमा पर उतरने का यह भारत का दूसरा प्रयास है। चंद्रयान -2 अपने चंद्र चरण में विफल हो गया था जब इसका लैंडर 'विक्रम' प्रयास करते समय लैंडर में ब्रेकिंग सिस्टम में विसंगतियों के कारण चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 7 सितंबर, 2019 को टच डाउन के दौरान ये घटना हुई थी।
पीएम मोदी गए थे बेंगलुरु
इस प्रयास के दौरान पीएम मोदी लैंडर के टचडाउन को देखने के लिए बेंगलुरु गए थे। मिशन विफल होने के बाद प्रधानमंत्री और पूर्व इसरो प्रमुख के सिवन के बीच एक भावुक पल नजर आया था। अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा लैंडर से संपर्क टूटने की घोषणा के कुछ घंटों बाद जब सिवन रोने लगे तो पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना दी। इसरो वैज्ञानिकों को अपने लगभग 30 मिनट लंबे संबोधन में पीएम ने तब कहा था- चंद्रमा को छूने का हमारा संकल्प और भी मजबूत हो गया है और सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है।
चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश में भारत के मुख्य अंतरिक्ष बंदरगाह से लॉन्च किया गया था। 14 जुलाई के लॉन्च के बाद से तीन हफ्तों में इसरो ने चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से दूर की कक्षाओं में स्थापित किया था। फिर 1 अगस्त को अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर सफलतापूर्वक भेजा गया। इस ट्रांस-लूनर इंजेक्शन के बाद चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा करने से बच गया और उस पथ पर चलना शुरू कर दिया जो इसे चंद्रमा के आसपास ले गया।
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अमित कुमार मंडल author
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