प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले नेपाल के पीएम 'प्रचंड', भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
PM Narendra Modi : नेपाल पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है। चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
पीएम मोदी और नेपाल के पीएम की हुई मुलाकात।
PM Narendra Modi : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हुए हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। नई दिल्ली में उन्होंने ऊर्जा, संपर्क और व्यापार सहित कई क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित व्यापक वार्ता की। बता दें कि, दिसंबर 2022 में प्रचंड ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था। इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) के 68 वर्षीय नेता प्रचंड की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है।
कस्टम यार्ड का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने संयुक्त रूप से रेलवे के कुर्था-बीजलपुरा खंड की ई-योजना का अनावरण किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा
पुष्प कमल दहाल की भारत यात्रा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मोदी और प्रचंड के बीच बातचीत का केंद्र बिंदु दोनों देशों के बीच संपर्क, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में गहरे सहयोग के साथ भारत और नेपाल के बीच सभ्यतागत संबंधों में बदलाव होगा। नेपाल, क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंधों पर ध्यान दिया है। यह दोनों देशों के लोगों के बीच सीमा पार विवाह को संदर्भित करता है।
सीमा संबंधी मुद्दों पर भी हुई चर्चा
बता दें कि, नेपाल पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है। चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है। समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से है और वह भारत से तथा उससे होते हुए अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात आयात करता है। साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है। प्रचंड के प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने बुधवार को कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, पारगमन, संपर्क और सीमा मुद्दों सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
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