Mann Ki Baat: पद्म पुरस्कार इस दफा आम लोगों के नाम,PM ने इस किताब को पढ़ने की दी सलाह

मन की बात के 97वें संस्करण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा आदिवासी समाज के सामने अलग तरह की चुनौतियां हैं। लेकिन शिद्दत के साथ वो लोग देश के विकास में भागीदार है जिसकी झलक पद्म पुरस्कारों में दिखाई देती है।

मन की बात के 97वें संस्करण में पीएम नरेंद्र मोदी

साल 2023 के पहले 'मन की बात' में पीएम नरेंद्र मोदी देश से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि इस बार के पद्म पुरस्कार लोगों का पुरस्कार है। इस खास दिन उन्होंने लोगों से एक खास बुक The Mother of Democracy पढ़ने की सलाह दी। मन की बात के 97वे एपिसोड में उन्होंने कहा कि भारत के विकास में आदिवासी समाज का अमूल्य योगदान है। पद्म पुरस्कार विजेताओं की एक बड़ी संख्या आदिवासी समुदायों और आदिवासी समाज से जुड़े लोगों से आती है। आदिवासी जीवन शहर के जीवन से अलग है, इसकी अपनी चुनौतियाँ भी हैं। इन सबके बावजूद आदिवासी समाज अपनी परंपराओं को बचाने के लिए हमेशा उत्सुक रहता है।टोटो, हो, कुई, कुवी और मांडा जैसी आदिवासी भाषाओं पर काम करने वाली कई महान हस्तियों को पद्म पुरस्कार मिल चुके हैं। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। सिद्दी, जारवा और ओंगे जनजाति के साथ काम करने वाले लोगों को भी इस बार सम्मानित किया गया है।

संबंधित खबरें

इस बार पद्म पुरस्कार पाने वालों में वे लोग हैं जिन्हें संतूर, बम्हुम, द्वीतारा जैसे हमारे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन फैलाने में महारत हासिल है। गुलाम मोहम्मद ज़ाज़, मोआ सु-पोंग, री-सिंहबोर कुर्का-लॉन्ग, मुनि-वेंकटप्पा और मंगल कांति राय की चर्चा की जा रही है।विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान के माध्यम से छाप छोड़ने वाले कई गुमनाम नायकों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। दिलीप महालनाबिस, जिन्होंने ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) के उपयोग का बीड़ा उठाया, उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि रतन चंद्र कर, हीराबाई लोबी, मुनीश्वर चंदर डावर जैसे गुमनाम नायकों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित 25 हस्तियों में शामिल किया गया।

संबंधित खबरें

कानपुर से जया ने लिखा है कि उन्हें परेड में शामिल झांकियों में भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को देखकर आनंद आया। इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली Women Camel Riders और CRPF की महिला टुकड़ी की भी काफी सराहना हो रही है।गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। जैसलमेर से पुल्कित ने मुझे लिखा है कि 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा।

संबंधित खबरें
End Of Feed