1991 की वो घटना जब एक माला ने राजीव गांधी की ली थी जान, पीएम के हुबली रोड शो से क्या है कनेक्शन, देखें VIDEO

1991 में पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या माला पहनाने के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरांबुर में हुई थी। 31 साल बाद इस घटना के जिक्र के पीछे वजह यह है कि हाल ही में कर्नाटक के हुबली में सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को माला पहनाने की कोशिश की थी।

कर्नाटक में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामला

हाल ही में कर्नाटक के हुबली में पीएम नरेंद्र मोदी रोड शो कर रहे थे। सड़क किनारे हजारों की संख्या में लोग उनको अभिवादन कर रहे थे। पीएम मोदी ने भी किसी को निराश नहीं किया। कार का दरवाजा खोलकर वो लोगों के अभिवादन का जवाब दे रहे थे। एसपीजी का सुरक्षा घेरा उन्हें कवर कर रहा था। लेकिन एक लड़का हाथ में माला लिए तेजी से उनकी तरफ बढ़ा। वो पीएम मोदी को माला पहनाना चाहता था। सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और उसे रोक दिया। हालांकि इसे बड़ी सुरक्षा खामी मानी जा रही है। यूपी के पूर्व डीजीपी ओ पी सिंह ने इसे सुरक्षा में गंभीर लापरवाही बताया।

हुबली की इस घटना के बाद 1991 को वो घटनाचक्र याद आया जब पूर्व पीएम राजीव गांधी चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरांबुर पहुंचे थे। मंच पर वो लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। एक महिला उन्हें माला पहनाने के लिए आगे बढ़ी। गले में माला डालते ही जोरों का धमाका हुआ और अफरातफरी मच गई। धुएं का गुबार जब शांत हुआ तो लोग पूर्व पीएम राहुल गांधी को खोजने लगे। मंच पर राहुल गांधी नजर नहीं आए। हर एक शख्स जानना चाहते थे कि आखिर राजीव गांधी कहा हैं। कुछ घंटे के बाद मंच के करीब एक डेड बॉडी का पैर मिला और उससे पहचान हुई कि जो डेड बॉडी मंच के पास पड़ी हुई थी वो ही राहुल गांधी हैं। राजीव गांधी की हत्या को श्रीलंका के आतंकी संगठन एलटीटीई ने अंजाम दिया था। एलटीटीई के मुखिया प्रभाकरन ने बदले की कार्रवाई थी। प्रभाकरन इस बात से नाराज था कि राजीव गांधी ने तमिल लड़ाकों को रोकने के लिए आखिर शांति सेना को कोलंबो और जाफना के लिए क्यों रवाना किया था।

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